नई दिल्लीः सनातन धर्म में शनि जयंती को सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है। यह दिन शनिदेव की पूजा के लिए समर्पित है। शनिदेव कर्म और न्याय के देवता हैं। शनि जयंती को शनि अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इस बार शनि जयंती वैशाख माह में बुधवार, 8 मई […]
नई दिल्लीः सनातन धर्म में शनि जयंती को सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है। यह दिन शनिदेव की पूजा के लिए समर्पित है। शनिदेव कर्म और न्याय के देवता हैं। शनि जयंती को शनि अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इस बार शनि जयंती वैशाख माह में बुधवार, 8 मई 2024 को मनाई जाएगी। यह साल में दो बार मनाया जाता है। तो आइये जानते हैं इस दिन के कुछ नियम.
गंगा नदी में पवित्र स्नान करें। शनिदेव के लिए व्रत रखें और उनका आशीर्वाद लें। शनिदेव के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए हनुमान चालीसा का कम से कम 7 या 11 बार पाठ करें। शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीया जलाएं। दान-पुण्य जरूर करें।
गरीबों की मदद अवश्य करें। इस दिन काले तिल और काली उड़द का दान करें। इस दिन छाया का दान भी किया जाता है। इसके अलावा इस शुभ दिन पर ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए और सात्विक भोजन करना चाहिए। कर्म करते रहना चाहिए।
ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।।
ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥
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