शनिश्चरी अमावस्या 2018: ये उपाय करेंगे तो दूर होगा शनि दोष

Shani Amavasya 2018: शनिवार का दिन शनि देव का दिन होता है. ज्योतिष के अनुसार अमावस्या वाले दिन अगर शनिवार होता है तो वह शनिश्चरी अमावस्या कहलाती है. इस महीने की शनिश्चरी अमावस्या 17 मार्च 2018 (शनिवार) को पड़ रही है. इस दिन शनि देव को प्रसन्न कर शनि दोष से मुक्ति पा सकते है.

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शनिश्चरी अमावस्या 2018: ये उपाय करेंगे तो दूर होगा शनि दोष

Aanchal Pandey

  • March 15, 2018 2:45 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्ली. शनिवार का दिन शनि देव का दिन होता है. ज्योतिष के अनुसार जब अमावस्या के दिन शनिश्चरी पड़ता है तो वह शनिचर अमावस्या के नाम से जाना जाता हैं. इस महिने शनिश्चरी अमावस्या 17 मार्च 2018 को पड़ रहा है. ज्योतिष में शनिश्चरी अमावस्या का बहुत महत्व होता है. शनिश्चरी अमावस्या के दिन ज्योतिष उपाय करने से शनि की साढ़ेसाती और शनि दोष से मुक्ति मिल जाती है.

शनि दोष से मुक्ति के उपाय
शनिश्चरी अमावस्या के दिन आप शनि के बज मंत्र का जाप करके उड़द दाल की खिचड़ी या तिल से बने पकवान दान करने से शनि दोष से मुक्ति मिल जाती है.

अमावस्या की रात को 8 बादाम और 8 काजल की डिब्बी काले वस्त्र में बांधकर संदूक में रखें. इस उपाय को करने से शनि की ढैय्या खत्म हो जाएगी.

शनिश्चरी अमावस्या के दिन आप पीपल के पेड़ पर सात प्रकार के अनाज चढ़ाएं और सरसों के तेल का दीपक जलांए

घर की दहलीज में चांदी का पत्तर दबांए

शनि को प्रसन्न करने के उपाय

शनिदेव के दुष्प्रभाव से बचने के लिए प्रत्येक शनिवार के दिन काली गाय की सेवा करें. पहली रोटी गाय को खिलाएं, माथे पर सिंदूर का तिलग लगाएं.

शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति पाने के लिए शनिवार के दिन अंधेरा होने के बाद पीपल पर मीठा जल अर्पित कर सरसों का तेल दीपक व धूप अगरबत्ती अर्पित करें. पीपल की सात परिक्रमा करें.

शनिवार का दिन शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए अत्यंत शुभ दिन होता है. शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए शनि मंत्र का जाप करना चाहिए

शनि स्तोत्र
नमस्ते कोणसंस्थाय पिडगलाय नमोस्तुते। नमस्ते बभ्रुरूपाय कृष्णाय च नमोस्तु ते।।

नमस्ते रौद्रदेहाय नमस्ते चान्तकाय च। नमस्ते यमसंज्ञाय नमस्ते सौरये विभो।।

नमस्ते यंमदसंज्ञाय शनैश्वर नमोस्तुते। प्रसादं कुरू देवेश दीनस्य प्रणतस्य च।।

वैदिक शनि मंत्र
ऊँ शन्नोदेवीरभिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः

पौराणिक शनि मंत्र
“ऊँ ह्रिं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छाया मार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।

तांत्रिक शनि मंत्र
ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः

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