नई दिल्ली. इस माह शनि अमावस्या पड़ रही है. शनि अमावस्या इस बार 17 मार्च को पड़ रही है. वैसे तो साल भर में 12 अमावस्या होती हैं लेकिन शनि अमावस्या का महत्व थोड़ा अधिक होता है. शनि अमावस्या तब होती है जब सूर्य-चंद्रमा एक राशि में आते हैं और उस तिथि में शनिवार हो तो शनि अमावस्या कहलाती है. कई मायनों के लिए महत्वपूर्ण शनि अमावस्या उन लोगों के लिए बहुत जरूरी होती है जिनकी कुंडली में पितृ दोष, कालसर्प दोष एवं शनि प्रकोप होता है. साथ ही इस अमावस्या पर पूजा-पाठ करने से जादू-टोना, नसों के रोग, बच्चों में सूखा रोग, गृहक्लेश, असाध्य बीमारी, विवाह का न होना, संतान का शराबी बनना एवं बार बार दुर्घटना हो रही है या कोई चीज फल नहीं रही तो इन जैसी सभी परेशानियों से मुक्त करवाती है.
हर अमावस्या पर दान का विशेष महत्व होता है. शनि अमावस्या पर भैंसे या घोड़े को चने खिलाना काफी शुभ रहता है इससे शनि दोष कम होता है. वहीं शनि मंदिर के पुजारी को एक काली किनारी वाली धोती-कुर्ता, उड़द के पकौड़े, इमरती, काले गुलाबजामन, छत्तरी तथा चिमटा आदि चीजें दान में देनी चाहिए. इससे घर की बुरी बलाएं कम होती हैं और आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है. जिन लोगों की राशि में शनि दोष है और वो लगातार कई काम बिगाड़ रहा है तो इसके लिए ऐसे लोग शनि यंत्र धारण करें. साथ ही काला वस्त्र एवं नारियल को तेल लगाकर, काले तिल, उड़द की दाल, घी आदि को वृद्धाश्रम में दान करें.
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