नई दिल्ली : सावन का माह कई कारणों से ख़ास माना जाता है. जहां एक ओर लोग शिव जी की पूजा अर्चना में लीन होते हैं वहीं दूसरी ओर ऐसे कई संयोग भी पड़ते हैं जिन्हें सही समय और सही तरीके से किया जाए तो जीवन खुशियों और शान्ति से भर जाएगा. ज्योतिषियों की मानें […]
नई दिल्ली : सावन का माह कई कारणों से ख़ास माना जाता है. जहां एक ओर लोग शिव जी की पूजा अर्चना में लीन होते हैं वहीं दूसरी ओर ऐसे कई संयोग भी पड़ते हैं जिन्हें सही समय और सही तरीके से किया जाए तो जीवन खुशियों और शान्ति से भर जाएगा. ज्योतिषियों की मानें तो सावन माह में पड़ने वाले हर शनिवार का महत्व कई गुना अधिक होता है. इस दिन शिव और शनि की कृपा आप पर एक साथ बरसती है. इस बार सावन का दूसरा शनिवार यानी 23 जुलाई को है. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है. सावन के इस दूसरे शनिवार यानी 23 जुलाई की शाम 7 बजकर 3 मिनट से लेकर अगले दिन सुबह 5 बजकर 38 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग बनने जा रहा है.
सावन के शनिवार का महत्त्व काफी अधिक होता है. इस महीने के अधिष्ठाता भगवान शिव हैं जो कि शनिदेव के गुरु कहे जाते हैं. सभी ग्रहों और समय को नियंत्रित करने की वजह से उन्हें महाकाल भी कहा गया है. शनि की कुदृष्टि और पीड़ा से केवल भगवान शिव या उनके अंशावतार हनुमान जी ही बचाते हैं. यही कारण है कि अगर आप सावन में शनिदेव की उपासना करें तो न केवल शनि की पीड़ा से मुक्ति मिलेगी बल्कि विशेष फल भी प्राप्त होगा.
आपको इस दिन की ख़ास पूजा करने के लिए सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करके भगवान शिव की उपासना करनी है. फिर शाम के समय शनि देव के मंदिर जाएं और वहां सरसों तेल का दीपक जलाएं और भगवन को अर्पित करें. अगर घर के आस पास में शनि देव मंदिर नहीं है तो पीपल के पेड़ के समक्ष सरसों के तेल का दीपक जलाएं. दीपक जलाने के बाद भगवान शंकर के पंचाक्षरी मन्त्र का जाप करते रहे. इसके साथ-साथ शनि देव के मंत्र ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः का भी जाप कीजिये. मन्त्र का जाप करने के बाद भगवान शनि से प्रार्थना करें कि वो आपके जीवन की सभी समस्याओं को दूर करें और सभी दोषों से भी छुटकारा दिलाएं. आप इस महीने यानी सावन के शनिवार के दिन छाया पात्र का दान कर सकते हैं. ऐसा करने से आपको मनचाहा फल प्राप्त होगा.
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