सावन विशेष: कौन था वह शिवभक्त जो बना पहला कांवड़िया

Kanvar Yatra: हिंदू धर्म में सावन का महीना सबसे पवित्र माना जाता है। इस बार कांवड़ यात्रा इसी महीने के 22 जुलाई से शुरू हो रही है, जो 19 अगस्त तक चलेगी। क्या आप जानते हैं कि कांवड़ यात्रा की शुरुआत कैसे हुई और पहला कांवड़िया कौन था। महादेव का किया जलाभिषेक रावण ने भगवान […]

Advertisement
सावन विशेष: कौन था वह शिवभक्त जो बना पहला कांवड़िया

Pooja Thakur

  • July 10, 2024 2:15 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 months ago

Kanvar Yatra: हिंदू धर्म में सावन का महीना सबसे पवित्र माना जाता है। इस बार कांवड़ यात्रा इसी महीने के 22 जुलाई से शुरू हो रही है, जो 19 अगस्त तक चलेगी। क्या आप जानते हैं कि कांवड़ यात्रा की शुरुआत कैसे हुई और पहला कांवड़िया कौन था।

महादेव का किया जलाभिषेक

रावण ने भगवान शिव के विष को दूर करने का काम किया। रावण ने इसके लिए तप किया और फिर गंगाजल से मंदिर में भगवान शिव का जलाभिषेक किया। इस वजह से शिव नकारात्मक ऊर्जा से मुक्त हो गए। इस तरह से रावण को पहला कांवड़िया माना जाता है। 19वीं सदी की शुरुआत भारत में कांवड़ यात्रा का जिक्र अंग्रेजों ने भी अपनी किताबों में कर रखा है।

कौन था पहला कांवड़िया?

रावण के अलावा कई और नाम भी है, जिसके लिए कहा जाता है कि वो पहले कावड़िए थे। इसमें परशुराम, श्रवण कुमार और भगवान राम का नाम भी आता है। भगवान परशुराम को लेकर कहा जाता है कि उन्होंने गढ़मुक्तेश्वर से जल लाकर प्राचीन शिवलिंग का अभिषेक किया था। श्रवण कुमार को लेकर मान्यता है कि उन्होंने अपने माता-पिता को कांवड़ में बैठा कर हरिद्वार में गंगा स्नान कराया था। फिर वहां से गंगाजल लेकर गए और महादेव को चढ़ाया। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कांवड़ यात्रा की शुरुआत भगवान राम ने की थी। उन्होंने बिहार के सुल्तानगंज से जल भरकर बाबा धाम में महादेव का अभिषेक किया था।

 

रावण की मृत्यु के बाद माता सीता से क्यों मिली थी शूर्पणखा?

Advertisement