नई दिल्ली, शिव जी के भक्तों के लिए सावन माह बहुत ही ख़ास होता है. इस महीने में भगवान शिव की पूजा अराधना की जाती है. हिंदू धर्म में इस महीने का बहुत ही अधिक महत्त्व है. इसे बहुत पवित्र माना जाता है. चलिए आपको बताते हैं कि इस माह कब से शुरू होगा सावन का पर्व. इस साल 14 जुलाई से 12 अगस्त तक सावन महीना रहेगा. बता दें, सावन के महीने में बेलपत्र भी चढ़ाए जाते हैं. मान्यता है कि दूध, जल, भांग धतूरा, फूल, फल आदि अपर्ण कर अगर सच्चे मन से भोले नाथ की आराधना की जाए तो सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
हर महीने दोनों पक्षों (कृष्ण और शुक्ल पक्ष) की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है, और ऐसे में अगर प्रदोष व्रत सोमवार के दिन पड़े तो इसे सोम प्रदोष व्रत कहा जाता है. ज्योतिषियों का कहना है कि सावन में आने वाले सोम प्रदोष व्रत का विशेष महत्व होता है और इस दिन भगवान शिव की सच्चे मन से उपासना करने वालों के जीवन में कभी परेशानी नहीं आती है. इस साल सावन का पहला सोम प्रदोष व्रत 25 जुलाई यानी कल है.
श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 25 जुलाई को शाम सवा चार बजे से शुरू होकर अगले दिन यानी 26 जुलाई को शाम 06 बजकर 04 मिनट तक रहेगी. वहीं, 25 जुलाई की शाम 07 बजकर 17 मिनट से लेकर रात 09 बजकर 21 मिनट तक भगवान शिव की पूजा का शुभ मुहूर्त रहेगा. आप इस दौरान कभी भी भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं.
इस साल सावन की शुरुआत 14 जुलाई से हो गई है, जबकि संक्रांति के हिसाब से देखा जाए तो सावन 16 जुलाई से शुरू हुआ है. ऐसे में आमतौर पर सावन में 4 सोमवार पड़ेगें, लेकिन संक्रांति के हिसाब से 5 सोमवार पड़ेंगे. इस स्थिति में अगर भक्त संक्रांति के हिसाब से व्रत रखना चाहें तो उन्हें 5 सोमवार व्रत रखने होंगे.
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