सावन शुरु हो चुके हैं और आज माह का पहला सोमवार हो जव सभी शिव भक्त उनके लिए व्रत रखेंगे. ऐसे में जानिए कि किसी विधि के साथ शिव की पूजा करने से वे प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की मनोकामना पूर्ण करते हैं.
नई दिल्ली. सावन यानि भगवान शिव का महीना शुरु हो चुका है और आज है सावन का पहला सोमवार यानि आज से सभी भक्त सोमवार की व्रत पूजा शुरु कर देंगे. कहा जाता है कि सावन के सोमवार को विधपूर्वक भगवान शिव की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इसमें खासकर शादी न होने से परेशान युवक युवतियों की शादी के योग बनते हैं.
सावन के सोमवार की पूजा विधि –
1- सुबह में स्नान करें और ताजे बेल पत्र लाएं. पांच या सात साबुत बेल के पत्ते साफ पानी से धोएं और फिर उनमें चंदन छिड़ दें.
2- फिर एक तांबे के लोटे में पानी या गंगाजल भरें और उसमें कुछ साबुत और साफ चावल के दानें डाल दें. इसके बाद लोटे के ऊपर बेल के पत्ते और फूल रख दें.
3- लोटे में जल लेकर शिव मंदिर जाएं और वहां शिवलिंग का रुद्राभिषेक करें. रुद्राभिषेक करते हुए ऊं नम: शिवाय या भगवान शिव के किसी अन्य मंत्र का जप करें.
4- इसके बाद मंदिर में ही शिवचालीसा, रुद्राष्टक और तांडव स्त्रोत का पाठ भी किया जा सकता है.
5- मंदिर में पूजा पूरी करने के बाद घर लौटकर भी महादेव की पूजा करें. इसके बार व्रत या बिना व्रत वाला प्रसाद ग्रहण करें.
कहा जाता रहा है कि भगवान शंकर के साथ विवाह के लिए मां पार्वती ने 16 सोमवार व्रत किया था. यही वजह है कि सावन माह में सोमवार का खास महत्व है. सावन में विधि विधान से पूजा पाठ करने पर संतान की प्राप्ति भी होती है.
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