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संतोषी मां व्रत और पूजा विधि: मां संतोषी की पूजा करने से चाही मुराद होगी पूरी

मां सतोंषी व्रत, पूजा विधि और उद्यापन: हर शुक्रवार माता संतोषी की पूजा की जाती है. इस दिन व्रत और पूजा के कई नियमों का पालन करने पूजा संपन्न होती है. पूजा से खुश होकर मां संतोषी भक्तों की हर चाही मनोकामना पूरी होती है.

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santoshi mata
  • November 17, 2017 7:39 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्ली. आज शुक्रवार है. हर शुक्रवार को मां संतोषी की पूजा और व्रत किया जाता है. मां संतोषी की पूजा करने से सुख-समृद्धि, ऐश्वर्या और घर में बरकत बनी रहती है. संतोषी मां को संतोष प्रदान करने वाली और सभी दुखों को हरने वाली देवी माना जाता है. संतोषी मां का व्रत कठिन भी माना जाता है. क्योंकि ये एक ऐसा व्रत है जिसमें पूरे परिवार वालों को व्रती जैसे नियम मानने पड़ते हैं. इस व्रत में खट्टा खाना एक दम माना होता है ऐसे ही इस दिन पूरा परिवार खट्टा नही खा सकता है. मां संतोषी की पूजा भारत के विभिन्न प्रांतों में होती है. पूरे भारत में इनके अनेकों मंदिर स्थापित है, जिनकी अपनी-अपनी मान्यता है. मां संतोषी के मंदिरों में से एक राजस्थान के जोधपुर लाल सागर क्षेत्र में है जो संतोषी माता मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है.

मां संतोषी मां की पूजा
मां संतोषी की पूजा तो रोज की जाती है. लेकिन देवी का व्रत प्रत्येक शु्क्रवार को किया जाता है. व्रत के लिए सबसे पहले मां संतोषी की प्रतिमा स्थापित की जाती है. इसके बाद मां की प्रतिमा के सामने एक कलश जल का भर कर रखा जाता है. इसके बाद मां को एक कटोरी मां गुड़ और चना का प्रसाद बनाकर चढ़ाया जाता है. इसके बाद मां को फूल फल अर्पित करें. ऐसा करने के बाद मां के सम्मुख दीपक और धूम जलाएं. और कथा पढ़ें. इसके बाद चालीसा है तो उसका पाठ करें. पूजा करने के बाद थोड़ गुड़ चना का प्रसाद गाय को भी खिलाए. इसके बाद प्रसाद सबको बांटे. लेकिन ध्यान रखें जिन लोगों ने खट्टा खाया है वो प्रसाद ग्रहण न करें.

मां संतोषी व्रत उद्यापन
मां संतोषी के आप व्रत जितने भी कर सकते हो, लेकिन 16 व्रत अवश्य करने चाहिए. जब आपके 16 व्रत संपन्न हो जाए और आप उद्यापन करना चाहते हैं तो शुक्रवार के दिन ही अपना उद्यापन करें. इस दिन भोजन बनाएं और पूजा करने के बाद लड़कों को भोजन करवाएं. इस भोजन में खटाई का प्रयोग न करें. इस प्रकार माता अत्यन्त प्रसन्न होंगी. दुख दरिद्रता दूर होकर चाही मुराद पूरी होगी.

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