अध्यात्म

Sakat Chauth 2024: कब है 2024 में सकट चौथ? जानें किस लिए रखा जाता है ये व्रत

नई दिल्लीः हिंदू पंचांग के मुताबिक, प्रत्येक वर्ष माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर सकट चौथ का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को सकट चौथ के अलावा तिलकुट, माघ चतुर्थी, संकष्टी चतुर्थी आदि नामों से जाना जाता है। यह व्रत प्रथम पूज्य देवता भगवान गणेश को समर्पित है। यह व्रत खासतौर पर महिलाओं द्वारा अपनी संतान की लंबी आयु और सुखी जीवन के लिए रखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को करने से विघ्नहर्ता गणेश संतान के सारे संकटों को दूर करते हैं। चलिए अब जानते हैं सकट चौथ की(Sakat Chauth 2024) पूजा, तिथि, विधि और शुभ मुहूर्त।

सकट चौथ तिथि

पंचांग के मुताबिक, माघ माह के कृष्ण पक्ष की सकट चतुर्थी तिथि की शुरुआत 29 जनवरी 2024 को सुबह 06 बजकर 10 मिनट होगी और अगले दिन इसका समापन 30 जनवरी 2024 को सुबह 08:54 मिनट पर होगा।

सकट चौथ मुहूर्त

  • अमृत मुहूर्त(सर्वोत्तम)- सुबह 07:11 मिनट से सुबह 08:32 मिनट तक
  • शुभ मुहूर्त(उत्तम) – सुबह 09:43 मिनट से सुबह 11:14 मिनट स तक
  • शाम का मुहूर्त – शाम 04:37 मिनट से शाम 07:37 मिनट तक

चंद्रोदय समय

जानकारी दे दें कि माघ माह की सकट चतुर्थी के दिन 29 जनवरी को चंद्रोदय रात 09:10 मिनट पर होगा।

सकट चौथ की पूजा विधि

  • इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके साफ वस्त्र को धारण करें।
  • उसके बाद भगवान गणेश की प्रतिमा को चौकी पर स्थापित करें और गणेश जी के साथ मां लक्ष्मी की मूर्ति भी रखें।
  • मां लक्ष्मी और गणेश जी को रोली और अक्षत लगाएं। फिर दूर्वा, मोदक, पुष्प आदि अर्पित करें।
  • इस दिन तिल का विशेष महत्व है। इस दौरान भगवान गणेश को तिल के लड्डुओं का भोग लगाएं।
  • फिर ॐ गं गणपतये नमः(Sakat Chauth 2024) मंत्र का जाप करें।
  • आखिर में सकट चौथ व्रत की कथा सुन कर आरती करें।
  • रात में चंद्रमा को अर्घ्य देकर अपना सकट चौथ व्रत संपन्न करें।

सकट चौथ का महत्व

सकट चौथ के दिन माताएं अपनी संतान के सुखी जीवन के लिए सकट चौथ का व्रत रखती हैं। इस दिन व्रती महिलाएं शाम को गणेश जी की पूजा और चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही भोजन करती हैं। ऐसा माना जाता है कि माघ माह की चतुर्थी के दिन ही भगवान गणेश ने अपने माता-पिता की परिक्रमा कर अपनी तीव्र बुद्धि, ज्ञान का परिचय दिया था और इस व्रत को करने से संतान को बुद्धि, समृद्धि, अच्छा स्वास्थ्य में वृद्धि होती है और साथ ही इस दिन तिल से स्नान, तिल का सेवन और तिल को पूजा में विशेष इस्तेमाल किया जाता है।

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Janhvi Srivastav

मैं जान्हवी श्रीवास्तव, मैंने अपना ग्रेजुएशन दिल्ली यूनिवर्सिटी और मास्टर्स माखनलाल यूनिवर्सिटी भोपाल से किया है। मुझे प्रिंट और सोशल मीडिया का अनुभव है, अभी मैं इंडिया न्यूज़ के डिजिटल प्लेटफार्म "इनखबर" में कंटेंट राइटर की पोस्ट पर हूं।

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