आज मनाया जा रहा है रोहिणी व्रत, जानिए इसका विशेष महत्व और पूजा विधि

नई दिल्ली: रोहिणी व्रत जैन धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे विशेष रूप से महिलाओं द्वारा अपने परिवार की सुख-समृद्धि और आरोग्य के लिए किया जाता है। इस व्रत को करने से घर में शांति, सुख और समृद्धि बनी रहती है। यह व्रत चंद्रमा के रोहिणी नक्षत्र में किया जाता है और साल में […]

Advertisement
आज मनाया जा रहा है रोहिणी व्रत, जानिए इसका विशेष महत्व और पूजा विधि

Shweta Rajput

  • October 23, 2024 8:21 am Asia/KolkataIST, Updated 1 month ago

नई दिल्ली: रोहिणी व्रत जैन धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे विशेष रूप से महिलाओं द्वारा अपने परिवार की सुख-समृद्धि और आरोग्य के लिए किया जाता है। इस व्रत को करने से घर में शांति, सुख और समृद्धि बनी रहती है। यह व्रत चंद्रमा के रोहिणी नक्षत्र में किया जाता है और साल में लगभग 12 बार आता है।

रोहिणी व्रत का महत्व

जैन धर्म में रोहिणी व्रत का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। इस दिन भगवान वासुपूज्य की पूजा उपासना की जाती है। इसे करने से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। इस व्रत को करने वाली महिलाओं के पति दीर्घायु होते हैं और परिवार में खुशहाली आती है। जैन धर्म की मान्यता के अनुसार, यह व्रत सभी पापों से मुक्ति दिलाने वाला और मोक्ष मार्ग का साधक माना जाता है। इस व्रत को महिलाएं खास तौर पर अपने परिवार की समृद्धि और कल्याण के लिए करती हैं। इसे करने से आर्थिक स्थिति में सुधार होता है और मानसिक शांति प्राप्त होती है।

पूजा विधि

1. स्नान और शुद्धिकरण: व्रत करने वाले को प्रातः काल स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करने चाहिए।

2. मंदिर में पूजा: महिलाएं जैन मंदिर में जाकर भगवान वासुपूज्य या भगवान शांतिनाथ की पूजा करती हैं।

3. ध्यान और प्रार्थना: भगवान का ध्यान करते हुए विशेष रूप से रोहिणी नक्षत्र की पूजा की जाती है और आरती की जाती है।

4. व्रत कथा का श्रवण: पूजा के बाद रोहिणी व्रत की कथा सुनी जाती है। यह कथा व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाने और समस्याओं का समाधान करने में सहायक मानी जाती है।

5. ध्यान और संकल्प: पूजा के बाद व्रतधारी मन में संकल्प लेकर दिन भर उपवास करती हैं। इस दौरान केवल फलाहार या जल का सेवन किया जा सकता है।

6. शाम की पूजा: शाम को पुनः भगवान की आरती करके व्रत का समापन किया जाता है।

व्रत का पारण

व्रत के अगले दिन सूर्योदय के बाद, व्रतधारी महिलाएं भगवान की आराधना करके व्रत का पारण करती हैं। पारण के दौरान फल, मिठाई, और सात्विक भोजन ग्रहण किया जाता है।

Also Read…

सामने बैठे पुतिन ने कही ऐसी बात ठहाके लगाने लगे मोदी! वीडियो देख चिढ़ जाएंगे बाइडेन-जेलेंस्की

जम्मू-कश्मीर असेंबली में गूंजा जय श्री राम, भगवा साफा पहने हिंदू शेरनी का रौद्र रूप देखकर हिल गया पूरा पाकिस्तान

Advertisement