नई दिल्लीः सनातन धर्म में प्रदोष व्रत को बहुत लाभकारी माना जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि जो लोग इस दिन श्रद्धापूर्वक शिव-पार्वती की पूजा करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसके अलावा इस दिन व्रत करने से संतान की प्राप्ति होती है। […]
नई दिल्लीः सनातन धर्म में प्रदोष व्रत को बहुत लाभकारी माना जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि जो लोग इस दिन श्रद्धापूर्वक शिव-पार्वती की पूजा करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसके अलावा इस दिन व्रत करने से संतान की प्राप्ति होती है। पहला प्रदोष 5 मई 2024 को मनाया जाएगा। रविवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को रवि प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है। तो आइए जानते हैं इससे जुड़ी कुछ अहम बातें।
हिंदू पंचांग के मुताबिक, 5 मई, 2024 दिन रविवार शाम 05 बजकर 41 मिनट से वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत हो जाएगी। यह 6 मई, 2024 दिन सोमवार को दोपहर 02 बजकर 40 मिनट तक रहेगी। पंचांग को देखते हुए इस बार प्रदोष व्रत 5 मई, 2024 को रखा जाएगा। इसके साथ ही इस दिन ही भोलेनाथ का अभिषेक भी किया जाएगा।
हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। इस पवित्र दिन पर उपवास करने वाले विश्वासियों को आशीर्वाद मिले। आपको भगवान शिव की कृपा भी प्राप्त होगी। कुछ लोग इस विशेष दिन पर भगवान शंकर के नटराज रूप की पूजा करते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, देवों के देव महादेव ने इसी दिन तांडव करके राक्षस अप्सरा पर विजय प्राप्त की थी। बता दें कि भगवान शिव के नृत्यक रूप को नटराज के रूप में जाना जाता है, जिनकी आराधना से अक्षय फलों की प्राप्ति होती है।
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