26 अगस्त को देशभर में रक्षाबंधन का त्योहार धूमधाम से मनाया जाएगा. इस पावन पर्व पर बहने अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर लंबी उम्र की कामना करती हैं. वहीं भाई अपनी बहन की रक्षा का वचन देते हैं. रक्षाबंधन को मनाने के पीछे कई कहानियां बताई गई हैं, इन्हीं में से एक कहानी भगवान श्री कृष्ण और युधिष्ठिर से जुड़ी है.
नई दिल्ली. देश में 26 अगस्त को रक्षाबंधन का त्योहार धूमधाम से मनाया जाएगा. राखी के इस पावन पर्व पर बहने अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं वहीं भाई अपनी बहन की जीवनभर रक्षा करने का वचन देते हैं. हिंदू धर्म के इस त्योहार को सावन महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है. इस बार 25 अगस्त शनिवार शाम से ही राखी का शुभ मुहूर्त शुरू हो जाएगा जो रविवार शाम 5.30 बजे तक रहेगा.
Raksha Bandhan 2018: इन 5 राशियों के लिए बन रहा है महालक्ष्मी योग, रक्षाबंधन पर होगा धनलाभ
गौरतलब है कि रक्षाबंधन के त्योहार से जुड़ी कई कहानियां प्रचलित हैं. मान्यता है कि इन्हीं के बाद राखी का त्योहार प्रचलन में आया था. इन्हीं में से एक कथा महाभारत काल के दौरान भगवान श्री कृष्ण और युधिष्ठिर से जुड़ी हुर्इ भी है. आइए जानते हैं रक्षाबंधन से जुड़ी भगवान श्री कृष्ण और युधिष्ठिर की कहानी.
Raksha Bandhan 2018: रक्षाबंधन पर बहनें ऐसे बांधे भाई को राखी, इस मंत्र का जरूर करें उच्चारण
हिंदू पुराण कथाओं के मुताबिक, कहा जाता है कि श्रीमद्भागवत, स्कन्ध पुराण और पद्मपुराण में वामनावतार नामक एक कथा में रक्षाबंधन का प्रसंग है. प्रसंग के अनुसार माना जाता है कि द्वापर युग में पांडवों में ज्येष्ठ युधिष्ठिर ने वासुदेव देवकी नंदन श्रीकृष्ण भगवान को राखी बांधी थी. ऐसे में मान्यता है कि उस दिन के बाद से श्रावण पूर्णिमा के दिन रक्षा सूत्र बांधने की यह प्रथा चली आ रही है. इसी वजह से यह रक्षा सूत्र हर्ष, धन, शक्ति और विजय देने वाला माना जाता है.