Radha Ashtami 2019 Date Calendar: राधाष्टमी को भाद्रपद की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को मनाई जाती है. इस दिन श्रद्धालु वृंदावन के बरसाना की ऊंची पहाड़ी पर स्थित गहवर वन की परिक्रमा करते हैं. साथ ही अलग-अलग तरह के सास्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है.
नई दिल्ली. भाद्रपद की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को राधाष्टमी के रूप में मनाया जाता है. इस साल 6 सिंतबर 2019 राधाष्टमी का त्योहार मनाया जाएगा. इस दिन व्रत का विेषेश महत्व बताया गया है. राधाष्टमी के दिन श्रद्धालु बरसाना की ऊंची पहाड़ी पर स्थित गहवर वन की परिक्रमा करते हैं. इस दिन रात-दिन बरसाना में बहुत ज्यादा रौनक होती है. इसके साथ ही अलग-अलग तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों को आयोजन किया जाता है. राधाष्टमी का त्योहार धार्मिक गीतों और कीतर्न के साथ शुरू किया जाता है.
राधाष्टमी पूजा विधि
राधाष्टमी के दिन शुद्ध मन से व्रत का पालन किया जाता है. इस दिन राधा जी की मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराते हैं जिसके बाद उनका श्रंगार किया जाता है. इस दिन राधा जी की सोने या किसी दूसरी धातु से बनी सुंदर प्रतिमा को विग्रह में स्थापित किया जाता है. दोपहर के समय भक्ती और श्रद्धा के साथ राधा जी की अराधना की जाती है. धूप-दीप से आरती के बाद राधाजी को भोग लगाया जाता है. कई ग्रंथों में राधाष्टमी के दिन राधा-कृष्णा की संयुक्त रूप से पूजन की बात कही गई है.
राधाष्टमी के दिन सबसे पहले राधाजी को पंचामृत से स्नान कराएं जिसके बाद विधिवत रूप उनका श्रंगार करें. कहा जाता है कि इस दिन 27 पेड़ों की पत्तियां और 27 ही कुओं का जल इकट्ठा करें. सवा मन दूध, दही और शुद्ध घी, बूरा और औषधियों से मूल शांति करें. अंत में कई मन पंचामृत से वेदिक मंत्रों के साथ श्यामश्याम का अभिषेक करें. नारद पुराण के अनुसार, राधाष्टमी का व्रत करने वाले भक्तगण ब्रज के दुर्लभ रहस्य तो जान लेते हैं. जो व्यक्ति इस व्रत को विधिवत तरीके से पूरा करता है, उसे सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है.
Hartalika Teej 2019 Date Calendar: कब है हरतालिका तीज 2019, जानिए पूजा विधि और व्रत कथा