नई दिल्लीः लंका का राजा रावण जितना महान योद्धा और विद्वान व्यक्ति था, उतना ही पापी भी। कुछ संदर्भ ऐसे हैं जिनसे पता चलता है कि महिलाएं उसकी कमजोरी थी। उसने न केवल माता सीता का अपहरण किया, बल्कि सभी रिश्तों और मर्यादाओं को भूलकर कई स्त्रियों के साथ भी दुष्कर्म किया और यही उसके […]
नई दिल्लीः लंका का राजा रावण जितना महान योद्धा और विद्वान व्यक्ति था, उतना ही पापी भी। कुछ संदर्भ ऐसे हैं जिनसे पता चलता है कि महिलाएं उसकी कमजोरी थी। उसने न केवल माता सीता का अपहरण किया, बल्कि सभी रिश्तों और मर्यादाओं को भूलकर कई स्त्रियों के साथ भी दुष्कर्म किया और यही उसके पतन का कारण बना। अंहकारी रावण ने अपनी बहू और साली के साथ जबरन संबंध बनाए थे।
रंभा का विवाह नलकुबेर से हुआ था, जो कुबेर के पुत्र और रावण के भतीजे थे। रिश्ते में रंभा रावण की बहू लगती थीं। एक दिन रंभा अपने पति से मिलने जा रही थी। उनकी सुंदरता को देखकर रावण कामातुर हो गया और बल प्रयोग कर उनका सतीत्व भंग कर डाला। रंभा वहीं पड़ी रहीं और रोती रहीं। उनको ढ़ूंढ़ते हुए जब नलकुबेर वहां पहुंचे और अपनी पत्नी रोता देख क्रधित हो गए। जब नलकूबर को रावण के कुकृत्य का पता चला तो उसने रावण को श्राप दिया कि यदि वह किसी स्त्री को उसकी सहमति के बिना स्पर्श करेगा तो उसका सिर सौ टुकड़ों में बंट जाएगा।
यही कारण था कि रावण ने माता सीता के अपहरण के बाद उन्हें छूआ तक नही था।
रावण ने अपनी पत्नी की बहन माया के साथ छलपूर्वक संबंध स्थापित करके उसकी सतीत्व को नष्ट करने का पाप भी किया था। तब माया ने रावण को श्राप दिया कि स्त्री की लालसा ही उसके विनाश का कारण बनेगी।
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