नई दिल्लीः धर्मगुरुओं के मुताबिक और आमतौर पर पैगंबर मुहम्मद को इस्लाम का पहला संस्थापक माना जाता है, जिन्होंने इस्लाम धर्म की नींव रखी थी। मगर ये बात बिल्कुल गलत है। इस्लामी तालीम के मुताबिक आदम अलैहिस्सलाम को दुनिया का पहला पैगंबर माना जाता है। वहीं पैगंबर मुहम्मद आखिरी पैगंबर थे। आपको बता दें इस्लाम […]
नई दिल्लीः धर्मगुरुओं के मुताबिक और आमतौर पर पैगंबर मुहम्मद को इस्लाम का पहला संस्थापक माना जाता है, जिन्होंने इस्लाम धर्म की नींव रखी थी। मगर ये बात बिल्कुल गलत है। इस्लामी तालीम के मुताबिक आदम अलैहिस्सलाम को दुनिया का पहला पैगंबर माना जाता है। वहीं पैगंबर मुहम्मद आखिरी पैगंबर थे। आपको बता दें इस्लाम धर्म में एक लाख 24 हजार पैगंबर हैं। बताते चलें कि पैगंबर का मतलब अल्लाह का दूत होता है।
दरअसल, मुसलमान पहले पैगंबर हजरत आदम (PBUH) से लेकर आखिरी पैगंबर हजरत मुहम्मद (PBUH) तक सभी पैगंबरों को मानते हैं। हालांकि, कुरान में इनमें से केवल 25 प्रमुख पैगंबरों का ही जिक्र है। मुसलमानों का मानना है कि पैगंबरों की एक लंबी कतार में मुहम्मद (PBUH) आखिरी थे, जिसमें हजरत इब्राहिम (PBUH), हजरत मूसा (PBUH), हजरत दाऊद (PBUH) और हजरत ईसा (PBUH) भी शामिल हैं।
इसके साथ ही, मुसलमान यह भी मानते हैं कि अल्लाह ने इन पैगंबरों को अपनी किताब दी थी। इसलिए मुसलमान उन सभी किताबों को ईश्वरीय किताबें मानते हैं। हालांकि, वे उन चीजों को स्वीकार करते हैं जो कुरान से टकराती नहीं हैं और इस्लामी ज्ञान को समझाने में मदद करती हैं। लेकिन अन्य चीजों को स्वीकार नहीं करते क्योंकि मुसलमानों का मानना है कि इन किताबों में समय के साथ बदलाव किए गए हैं और उनमें कई ऐसी चीजें शामिल की गई हैं जो पैगंबरों और अल्लाह की शान के खिलाफ हैं।
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