अक्सर लोग सपने में मृत परिजनों को देखकर डर जाते हैं. सुबह उठते ही वे परिवारजनों से इसकी चर्चा करते हैं, पर समझ नहीं पाते कि इन सपनों का क्या अर्थ है. अगर आपको भी ऐसे सपने आए हों तो जानें प्रेमानंद महाराज का इस पर क्या कहना है.
नई दिल्ली: वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद जी महाराज के लाखों अनुयायी हैं, जो उनके प्रवचनों का लाभ उठाते हैं। महाराज हमेशा भक्तों की शंकाओं का समाधान करते हैं। एक बार एक भक्त ने यह सवाल पूछा कि उसे डरावने सपने आते हैं और कभी-कभी उसमें मृत परिजन भी दिखाई देते हैं। इस प्रकार के सपनों का क्या अर्थ हो सकता है? इस पर प्रेमानंद महाराज ने जो उत्तर दिया, वह बहुत ही महत्वपूर्ण था।
प्रेमानंद महाराज ने कहा कि सपने तीन प्रकार के होते हैं। पहला प्रकार वह होता है, जिसमें मृत परिजन दिखाई देते हैं। दूसरा प्रकार वह है, जिसमें भगवान या साधु-संतों के दर्शन होते हैं। तीसरे प्रकार के सपनों में व्यक्ति को ऐसी चीजें दिखाई देती हैं, जिनका कोई अस्तित्व नहीं होता। महाराज ने बताया कि मन इंसान के साथ बहुत से रिश्तों में बंधा होता है, इनमें जीवित और मृत दोनों ही लोग शामिल हो सकते हैं। यदि मृत परिजन सपने में दिखें, तो इस बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। यह संकेत नहीं होता कि आपने कोई गलत काम किया है और न ही इससे कोई बुरा संदेश मिलता है। इस प्रकार के सपनों से डरने की कोई बात नहीं है।
इसके बाद महाराज ने यह भी कहा कि यदि ऐसे सपने बार-बार आ रहे हों, तो दान-पुण्य करने की आदत डालनी चाहिए। यह आदत हर किसी को सामान्य रूप से अपनानी चाहिए। यदि आप नियमित रूप से जल और अन्न का दान करते हैं, तो यह दान आपके पूर्वजों तक पहुंचता है। इससे वे संतुष्ट होते हैं और इसलिए पिंडदान भी किया जाता है। घर के बड़े-बुजुर्गों की सेवा उनके जीवित रहने तक करनी चाहिए और उनके निधन के बाद दान-पुण्य का कार्य करना चाहिए।
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