ग्रहों की दशा और दिशा में बदलाव के लिए अनमोल रत्न कौन से हैं ये कहां पाए जाते हैं?

रत्नों में ग्रहों की दशा और दिशा को बदलने की शक्ति होती है। ये रत्न अपने अंदर प्राकृतिक ऊर्जा को समाहित रखते हैं और व्यक्ति

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ग्रहों की दशा और दिशा में बदलाव के लिए अनमोल रत्न कौन से हैं ये कहां पाए जाते हैं?

Anjali Singh

  • July 6, 2024 7:37 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 months ago

Ratna Jyotish: रत्नों में ग्रहों की दशा और दिशा को बदलने की शक्ति होती है। ये रत्न अपने अंदर प्राकृतिक ऊर्जा को समाहित रखते हैं और व्यक्ति को ऊर्जा में वृद्धि करने में सक्षम होते हैं। राशि के अनुसार रत्न धारण करने से उसके शुभ फल मिल सकते हैं।

शनि ग्रह

शनि का रत्न – नीलम

– नीलम के लाभ: नीलम को अंग्रेजी में सैफायर भी कहते हैं। इसके प्रभाव से शारीरिक समस्याओं में सुधार आता है और नौकरी और व्यापार में तरक्की होती है। घर में धन की वृद्धि भी होती है।

– किन राशियों के लिए शुभ: तुला, कुंभ, मकर राशि वालों के लिए नीलम रत्न शुभ माना जाता है।

– किसे नहीं पहनना चाहिए नीलम: मेष,धनु, सिंह, मीन, वृश्चिक, कर्क, मिथुन और कन्या राशि वालों को नीलम रत्न नहीं पहनना चाहिए।

– कहां पाया जाता है नीलम: जो असली नीलम है वो कश्मीर की खदानों में मिलता है, साथ ही ये बर्मा और श्रीलंका में भी मौजूद है।

गुरु ग्रह

गुरु का रत्न – पुखराज

– पुखराज के लाभ: पुखराज यश और समृद्धि प्रदान करता है और संतान दाता भी होता है। इसके प्रभाव से जातक में सदाचार की भावना में बढ़ोत्तरी होती है।

– किन राशियों के लिए शुभ: वृश्चिक, धनु, मीन राशि वालों के लिए पुखराज रत्न शुभ होता है।

– किसे नहीं पहनना चाहिए पुखराज: मिथुन, वृषभ, कन्या, तुला, मकर राशि वालों को पुखराज रत्न नहीं पहनना चाहिए।

– कहां पाया जाता है पुखराज: असली पुखराज का पत्थर रूस, जापान, श्रीलंका, ब्राजील में पाया जाता है।

मंगल ग्रह

मंगल का रत्न – मूंगा

– मूंगा के लाभ: मूंगा धारण करने से उत्साह में वृद्धि होती है और यह आत्मविश्वास और साहस बढ़ाता है। इसके प्रभाव से रक्त संबंधी समस्याओं में लाभ मिलता है।

– किन राशियों के लिए शुभ: मेष, वृश्चिक राशि वालों के लिए मूंगा रत्न शुभ होता है।

– किसे नहीं पहनना चाहिए मूंगा: मकर, कुंभ राशि वालों को मूंगा रत्न नहीं पहनना चाहिए।

– कहां पाया जाता है मूंगा: मूंगा समुद्र में पाया जाता है, यह हिंद महासागर, इटली, जापान, अल्जीरिया, सिगली के कोरल सागर और ईरान की खाड़ी में भी पाया जाता है।

इन रत्नों का उपयोग केवल विशेष दिशा और आवश्यकताओं के अनुसार करना चाहिए, और रत्नों का चयन सत्यापित रत्नहारों से ही करना चाहिए।

 

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