Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत 2024 में कब है ? जानें तिथि और मुहूर्त

नई दिल्लीः भोलेनाथ को प्रदोष व्रत सबसे प्रिय है। हिंदू पंचांग(Pradosh Vrat 2024) के मुताबिक कृष्ण और शुक्ल पक्ष त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है। संकट, रोग, शोक, दुख, दरिद्रता और कर्ज से छुटकारा पाने के लिए प्रदोष व्रत शुभ फलदायी माना जाता है। बता दें कि साल 2024 का पहला प्रदोष […]

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Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत 2024 में कब है ? जानें तिथि और मुहूर्त

Janhvi Srivastav

  • December 30, 2023 8:54 pm Asia/KolkataIST, Updated 11 months ago

नई दिल्लीः भोलेनाथ को प्रदोष व्रत सबसे प्रिय है। हिंदू पंचांग(Pradosh Vrat 2024) के मुताबिक कृष्ण और शुक्ल पक्ष त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है। संकट, रोग, शोक, दुख, दरिद्रता और कर्ज से छुटकारा पाने के लिए प्रदोष व्रत शुभ फलदायी माना जाता है। बता दें कि साल 2024 का पहला प्रदोष व्रत भौम प्रदोष होगा। मंगलवार के दिन त्रयोदशी तिथि हो तो उसे भौम प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है।

पौष भौम प्रदोष व्रत 2024 तिथि

गौरतलब है कि जनवरी महीने और पौष(Pradosh Vrat 2024) माह का पहला भौम प्रदोष व्रत 9 जनवरी 2024, मंगलवार को है। भौम प्रदोष के दिन शिवजी और हनुमान जी की पूजा का विधान है। इस दिन साल 2024 की पहली मासिक शिवरात्रि भी है और इस दिन शिवजी के साथ हनुमान जी की उपासना करने से अमंगल और नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है।

भौष प्रदोष व्रत 2024 मुहूर्त

पंचांग के मुताबिक पौष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 8 जनवरी 2024 को रात 11 बजकर 58 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 9 जनवरी 2024 को रात 10 बजकर 24 मिनट पर इसका समापन होगा।

शिव पूजा मुहूर्त- शाम 05.41 से – राज 08.24 तक
अवधि – 02:43

भौष प्रदोष व्रत पर ये करें

– इस दिन सुबह गाय को मीठी रोटी खिलाने से पति को दीर्घायु का वरदान मिलता है।
– जिनके विवाह में अड़चने आ रही है उन्हें इस दिन व्रत रखकर रुद्राभिषेक करना चाहिए।
– भौष प्रदोष व्रत के दिन मंगल दोष से मुक्ति पाने के लिए मंगलदेव के 21 नामों का जाप करने से मांगलिक दोष खत्म होता है।
– भौम प्रदोष वाले दिन शिवलिंग पर केसर मिश्रित जल चढ़ाकर 11 बार शिव चालीसा व 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करने से कर्ज से मुक्ति मिलती है।
– आर्थिक संकट से उभरने के लिए भौम प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग पर बेलपत्र और हनुमान जी को बूंदी का प्रसाद चढ़ाएं।

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