Pradosh Vrat 2022: इस दिन है भाद्रपद का पहला प्रदोष व्रत, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

नई दिल्ली : 24 अगस्त यानी बुधवार के दिन भाद्रपद का पहला प्रदोष व्रत रखा जाएगा. बता दें, बुधवार होने की वजह से इसे बुध प्रदोष व्रत कहा जाएगा. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से जीवन की कठिनाइयों से मुक्ति मिलती है. शादीशुदा लोगों को संतान प्राप्ति के […]

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Pradosh Vrat 2022: इस दिन है भाद्रपद का पहला प्रदोष व्रत, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

Riya Kumari

  • August 20, 2022 9:04 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली : 24 अगस्त यानी बुधवार के दिन भाद्रपद का पहला प्रदोष व्रत रखा जाएगा. बता दें, बुधवार होने की वजह से इसे बुध प्रदोष व्रत कहा जाएगा. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से जीवन की कठिनाइयों से मुक्ति मिलती है. शादीशुदा लोगों को संतान प्राप्ति के लिए भी ये उपवास करना चाहिए. इतना ही नहीं भगवान शिव की कृपा से धन, धान्य, सुख और समृद्धि बढ़ती है.

कब रख सकेंगे व्रत?

हर महीने की त्रयोदशी तिथि को हिंदू पंचांग के मुताबिक प्रदोष व्रत रखा जाता है. भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को भी व्रत रखा जाएगा. ये इस महीने यानी अगस्त का आखिरी प्रदोष व्रत रखा जाएगा. भादो का पहला प्रदोष व्रत आने वाली बुधवार यानी 24 अगस्त को रखा जाएगा. व्रत का दिन बुधवार होने की वजह से इसे बुध प्रदोष व्रत कहा जाता है. मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और गणेश जी की पूजा करने से आपको मनचाहा वरदान मिलता है और जीवन की सभी समस्याओं का अंत होता है.

महत्व

प्रदोष व्रत का दिन भगवान शिव को समर्पित है. मान्यता के अनुसार प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा, उपासना करने से ग्रह दोष, कष्ट और पाप जैसी दिक्कतों से राहत मिलती है. शादीशुदा जोड़ों को संतान प्राप्ति के लिए भी इस दिन उपवास करना चाहिए. भगवान शिव की कृपा से धन, धान्य, सुख और समृद्धि हर क्षेत्र में बढ़ोतरी मिलती है.

तिथि और मुहूर्त

पंचांग के अनुसार ये भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि यानी बुधवार, 24 अगस्त को सुबह 08 बजकर 30 मिनट से शुरू होकर अगले दिन यानी गुरुवार तक 25 अगस्त को सुबह 10 बजकर 37 मिनट तक रहने वाला है. त्रयोदशी तिथि में प्रदोष पूजा का मुहूर्त 24 अगस्त को होगा. इसलिए बुध प्रदोष व्रत 24 अगस्त को रखा जाना है. बुध प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 06 बजकर 52 मिनट से लेकर रात 09 बजकर 04 मिनट तक रहने वाला है.

पूजा विधि

इस दिन सूर्यास्त से 45 मिनट पहले और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक भगवान् शिव की पूजा की जाएगी. सुबह स्नानादि करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें. हल्के लाल या गुलाबी रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना गया है. चांदी या तांबे के लोटे से शुद्ध शहद शिवलिंग को अर्पित करें. इसके बाद शुद्ध जल की धारा से अभिषेक करें और “ॐ सर्वसिद्धि प्रदाये नमः” मंत्र का 108 बार जाप कर भगवान् शिव का ध्यान करें. इसके बाद भगवान को फूल, फल और मिठाई अर्पित करें. अपनी समस्या के लिए भगवान से प्रार्थना करें. प्रदोष व्रत कथा का पाठ करें और शिव चालीसा पढ़ें. इस दिन आपको महामृत्युंजय मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए.

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