Pitru Paksha 2020 Start Date 1 September: मंगलवार से शुरू हो रहा पितृपक्ष, 17 दिनों तक भूलकर भी ना करें ये काम, वर्ना झेलनी पड़ेगी पितरों की नाराजगी

Pitru Paksha 2020 Start Date on 1 September: शास्त्रों में ऐसी मान्यता है कि पितृ पक्ष में किए गए तर्पण और श्राद्ध से पितरों को पितृ लोक से मुक्ति मिलती है. इसलिए पितृ पक्ष में तर्पण और श्राद्ध का कार्य विधि पूर्वक और श्रध्दा के साथ करना चाहिए और भगवान से अपने पितरों के लिेए प्रार्थना करनी चाहिए. अगर आपको अपने पूर्वज की मृत्यु की तिथि याद नहीं है तो भी पितृ पक्ष के आखिरी दिन तर्पण कर सकते हैं और ब्राह्मणों को भोजन करा सकते हैं.

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Pitru Paksha 2020 Start Date 1 September: मंगलवार से शुरू हो रहा पितृपक्ष, 17 दिनों तक भूलकर भी ना करें ये काम, वर्ना झेलनी पड़ेगी पितरों की नाराजगी

Aanchal Pandey

  • August 31, 2020 3:17 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 years ago

Pitru Paksha 2020 Start Date on 1 September: मंगलवार से देशभर में पितृपक्ष लग रहा है जिसकी हिंदू धर्म में बड़ी मान्यता है. पितृपक्ष 1 सितंबर से 17 सितंबर के बीच रहेगा. हिंदू धर्म के अनुसार ऐसी मान्यता है कि इन दिनों में पितृ लोक से हमारे पूर्वज धरती पर आते हैं और उन्हें देव स्वरूप माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि पितृ पक्ष में किए गए तर्पण, श्राद्ध और दिए गए दान से हमारे पितृ प्रसन्न होते हैं और हमारे सांसारिक जीवन के सुखमय होने का आशीर्वाद देते हैं.

इन दिनों में पितृ के नाम से किया गया कोई भी दान-पुण्य और कर्मकांड फलदायी होता है. हालांकि ऐसी भी मान्यता है कि अगर आपने पितृ पक्ष के दौरान कोई गलती की तो आपको पितृ श्राप भी देते हैं और आप पर पितृदोष लग जाता है. इसीलिए पितृ पक्ष में इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि हम कोई ऐसा काम पितृ पक्ष में न करें जिससे हमें अपने पितरों की नाराजगी का शिकार होना पड़े.

शास्त्रों में ऐसी मान्यता है कि पितृ पक्ष में किए गए तर्पण और श्राद्ध से पितरों को पितृ लोक से मुक्ति मिलती है. इसलिए पितृ पक्ष में तर्पण और श्राद्ध का कार्य विधि पूर्वक और श्रध्दा के साथ करना चाहिए और भगवान से अपने पितरों के लिेए प्रार्थना करनी चाहिए. अगर आपको अपने पूर्वज की मृत्यु की तिथि याद नहीं है तो भी पितृ पक्ष के आखिरी दिन तर्पण कर सकते हैं और ब्राह्मणों को भोजन करा सकते हैं.

पितृ पक्ष के दौरान कुछ बातों को विशेष ध्यान रखना चाहिए ताकि आप पितृ दोष के शिकार ना हों.

  • पितृ पक्ष के समय अपने द्वार पर किसी का भी अनादर नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा माना जाता है कि हमारे पूर्वज किसी भी रूप में हमारे द्वार पर आ सकते हैं. इसीलिए पितृ पक्ष के दौरान अपने द्वार पर किसी भी भिखारी, अतिथि या किसी भी आगंतुक का अनादर नहीं करना चाहिए.
  • पितृ पक्ष के समय कोई भी नया सामान नहीं खरीदना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि पितृ पक्ष का समय अपने पूर्वजों को याद करने का और उनके प्रति शोक दिखाने का होता है.
  • पितृ पक्ष में तर्पण करने वाले आदमी को अपने दाढ़ी और बाल नहीं बनवाने चाहिए. ऐसा करने पर पूर्वज नाराज हो सकते हैं.
  • ऐसा भी माना जाता है कि पितरों को लोहे के पात्र में जल नहीं देना चाहिए ऐसा करने से पितर नाराज हो जाते हैं. इसलिए उन्हें पीतल, फूल या तांबे के बर्तनों में जल दिया जाता है.
  • ऐसी भी मान्यता है कि जो लोग अपने पितरों को जल देते हैं उन्हें इन दिनों किसी दूसरे के घर भोजन नहीं करना चाहिए. दूसरे के घर भोजन करने से भी पितर नाराज हो सकते हैं.
  • पितृ पक्ष के दौरान मांस और मदिरा का भी सेवन नहीं करना चाहिए.

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