Pitru Paksha 2020 Date in India: जानें पितृ पक्ष 2020, श्राद्ध लिस्ट की संपूर्ण जानकारी

Pitru Paksha 2020 Date in India: पितृ पक्ष शुरू होने में एक महीने से भी कम वक्त बचा है. ऐसे में हिंदु धर्म से जुड़े लोगों के लिए पितृ पक्ष की तिथि, श्राद्ध लिस्ट, पूजा विधि, महत्व आदि के बारे में जानना बेहद जरूरी. इस आर्टिकल में इन सभी चीजों की विस्तृत जानकारी दी गई है. पितृ पक्ष के बारे में कहा जाता है कि इस समय हमारे पूर्वज धरती पर होते हैं और हम श्राद्ध कर्म करके उनका आर्शीवाद प्राप्त करते हैं.

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Pitru Paksha 2020 Date in India: जानें पितृ पक्ष 2020, श्राद्ध लिस्ट की संपूर्ण जानकारी

Aanchal Pandey

  • August 13, 2020 6:54 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 years ago

Pitru Paksha 2020 Date in India: पितृ पक्ष के शुरू होने में एक महीने से भी कम समय बचा है. पितृ पक्ष वह समय होता है जब हमारे पूर्वज धरती पर होते हैं और हम उनका श्राद्ध कर्म करके उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. हिन्दू धर्म में मृत्यु के बाद श्राद्ध का कर्मकांड किया जाता है. मान्यता है कि अगर अपने पूर्वजों का विधिपूर्वक श्राद्ध और तर्पण नहीं किया जाए, तो उसे इस लोक से मुक्ति नहीं मिलती है और वो भूत प्रेत के रूप में इस संसार में ही भटकते रहते हैं. इसलिए पितरों की मुक्ति के लिए श्राद्ध कर्मकांड का विशेष महत्व है.

जानें पितृ पक्ष का महत्व

ब्रह्म वैवर्त पुराण के अनुसार देवताओं को प्रसन्न करने से पहले मनुष्य को अपने पूर्वजों को प्रसन्न करना चाहिए. माना जाता है कि पितृ दोष को सबसे जटिल कुंडली दोषों में से एक है. पितरों की शांति के लिए हर वर्ष भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा से अश्विन कृष्ण अमावस्या तक के काल को पितृ पक्ष श्राद्ध होते हैं. इस दौरान कुछ समय के लिए यमराजा पितरों का आजाद कर देते हैं ताकि वह अपने परिजनों से श्राद्ध ग्रहण कर सकें. माना जाता है कि जिस घर के पितृ अपने परिवार के लोग से खुश रहते हैं उस घर के लोगों को देवी देवताओं का आर्शीवाद भी प्राप्त होता है.

शास्त्रों के अनुसार जिन लोगों को पितृ उनसे प्रसन्न नहीं होते हैं उन्हें पितृ दोष का श्राप मिलता है. माना जाता है कि जिस घर में पितृ दोष का श्राप लगता है उस घर के सदस्य कभी भी सुखी नहीं रहते हैं और न हीं वह जीवन में सफलता प्राप्त कर पाते हैं. इसी कारण से पितृ पक्ष में पितरों का तर्पण किया जाता है और उनसे क्षमा याचना की जाती है. हमारे देश में बुजुर्गों को भगवान के बराबर महत्व दिया जाता है, इसी कारण से उनके मरणोपरांत उनका श्राद्ध कर्म किया जाता है.

पितृ पक्ष श्राद्ध विधि और महत्वपूर्ण तिथि

श्राद्ध कर्म के दिन साधक को सुबह जल्दी उठकर स्नान कर बिना सिले वस्त्र धारण करना चाहिए.

श्राद्ध में तिल, चावल और जौ को विशेष रूप से सम्मिलित करें.

इसके बाद अपने पितरों का पसंदीदा भोजन बनवाएं और तिल उन्हें अर्पित करें.

तिल अर्पित करने के बाद पितरों के भोजन की पिंडी बनाकर उन्हें अर्पित करें.

इसके बाद अपने भांजे और ब्राह्मण को भोजन कराकर उन्हें वस्त्र और दक्षिणा दें.

श्राद्ध के अंत में कौओं को भोजन अवश्य कराएं, क्योंकि पितृ पक्ष में कौए को पितरों का रूप माना जाता है.

पितृ पक्षा की तिथि का प्रारंभ 1 सितंबर 2020 से होगा और समाप्ति 17 सितंबर 2020 को होगी.

पितृ पक्ष 2020 श्राद्ध लिस्ट

पहला श्राद्ध (पूर्णिमा श्राद्ध) 1 सितंबर 2020 को, दूसरा श्राद्ध 2 सितंबर को, तीसरा श्राद्ध 3 सितंबर को, चौथा श्राद्ध 4 सितंबर को, पांचवा श्राद्ध 5 सितंबर को, छठा श्राद्ध 6 सितंबर को, सातवां श्राद्ध 7 सितंबर को, आंठवा श्राद्ध 8 सितंबर को, नवां श्राद्ध 9 सितंबर को, दसवां श्राद्ध 10 सितंबर को, ग्यारवहां श्राद्ध 11 सितंबर कोस बारहवां श्राद्ध 12 सितंबर को, तेरहवां श्राद्ध 13 सितंबर को, चौदवहां श्राद्ध 14 सितंबर को, पंद्रवहा श्राद्ध 15 सितंबर को, सोलहवा श्राद्ध 16 सितंबर को, सत्रवहां श्राद्ध 17 सितंबर को होगा.

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