Pitru Paksha 2018: आज से शुरू हो रहे हैं पितृपक्ष श्राद्ध 2018, जानें कब और कैसे करना है पिंडदान

Pitru Paksha 2018: इस बार पितृपक्ष 24 सितंबर 2018 से शुरू हो रहे हैं. जब परिवारों में मृत पूर्वजों का श्राद्ध निकालने की प्रथा होती है. इस दौरान पिंडदान करने की प्रथा होती है. इसके जरिए ही पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए कामना की जाती है.

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Pitru Paksha 2018: आज से शुरू हो रहे हैं पितृपक्ष श्राद्ध 2018, जानें कब और कैसे करना है पिंडदान

Aanchal Pandey

  • September 14, 2018 4:32 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. इस साल पितृपक्ष सोमवार यानी 24 सितंबर 2018 से शुरू हो रहे हैं. जब पित्रों की पूजा व पिंड दान किया जाता है. यह पितृपक्ष सर्वपितृ अमावस्या यानी महालय अमावस्या पर 8 अक्टूबर को खत्म होंगे. कहा जाता है कि लोग पितृपक्ष में पूर्वजों का तर्पण नहीं करवाते उन्हें पितृदोष लगता है. अधिकतर हिंदू परिवारों में मृत पूर्वजों का श्राद्ध निकालने की प्रथा होती है.

जानिए क्यों जरूरी है पिंडदान
इंसान जब तक जीवित रहता है तब तक वह कई रिश्तों के बीच में रहता है. लेकिन जब व्यक्ति का निधन होता है तब वह सब छोड़ छाड़ कर चला जाता है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार, मृत व्यक्ति के मरने पर केवल शरीर का अंत होता है लेकिन उसकी आत्मा समाप्त नहीं होती. उसकी आत्मा की दिशा उनके कर्मों पर ही निर्भर करती है. हिंदू धर्म में इस व्यवस्था के लिए कर्मकांड की व्यवस्था की गई है. जिसमें सबसे अहम होते हैं श्राद्ध और पिंडदान. इसके जरिए ही पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए कामना की जाती है.

कैसे करते हैं पिंडदान
1)पिंडदान करते समय मृतक के परिवारवाले जौ या चावन के आटे में दूध और तिल मिलाकर गूथ लें और उसकी छोटी छोटी गोलियां बना लें.
2) कांसे की थाली या पीतल की थाली में काले तिल लेकर ये आटे की गोलिया इस बर्तन में रखें.
3) वहीं दूसरा बर्तन लें और हाथ जोड़कर मृत व्यक्ति का नाम लेकर तृप्यन्ताम कहते हुए अंजली में भरे हुए जल को खाली बर्तन में पलटते जाएं.
4) तर्पण करने के लिए काले तिल, जौ, सफेद फूल आदि लें.
5) श्राद्ध करने के बाद ब्राह्मण को भोजन करवाएं.

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