नई दिल्ली : इस साल 10 सितंबर से पितृपक्ष प्रारंभ हो रहा है जो 25 सितंबर तक रहने वाला है. 25 सितंबर को सर्वपितृ अमावस्या है जिसके साथ पितृपक्ष का समापन होगा. हिंदू धर्म में इन दिनों की खूब मान्यता होती है जब 15 दिन की इस अवधि में हमारे पूर्वज धरती पर हमें आशीर्वाद […]
नई दिल्ली : इस साल 10 सितंबर से पितृपक्ष प्रारंभ हो रहा है जो 25 सितंबर तक रहने वाला है. 25 सितंबर को सर्वपितृ अमावस्या है जिसके साथ पितृपक्ष का समापन होगा. हिंदू धर्म में इन दिनों की खूब मान्यता होती है जब 15 दिन की इस अवधि में हमारे पूर्वज धरती पर हमें आशीर्वाद देने आते हैं. इन दिनों में पितरों के लिए श्राद्ध और दान धर्म के कार्य करना शुभ माना जाता है. पितृ पक्ष में सपनों को लेकर भी कई तरह की मान्यताएं हैं जिसमें जितने मुँह उतनी बाते हैं. आज हम जानते हैं कि सपने में पूर्वज का दिखाई देना किस ओर संकेत देता है.
मान्यताओं की मानें तो मृत्यु होने के बाद जब किसी इंसान की ख्वाहिश अधूरी रह जाए तो वह अपने वंशजों के सपनों में उन्हें संकेत देने के लिए आते हैं. कहा जाता है कि पितृ केवल ऐसे लोगों को दिखाई देते हैं जो उनके अधूरे कामों या इच्छाओं को पूरा करने के योग्य होते हैं. और जब तक पितरों कि ख्वाहिश पूरी नहीं हो जाती, तब तक कहा जाता है कि उनकी आत्मा को शांति नहीं मिलती है. हालांकि ऐसे सपनों का अर्थ पितरों की मुद्रा या भाव को देखकर पता लगाया जा सकता है.
यदि आपके पितृ सपने में हंसते हुए या खुश दिखाई देते हैं तो ये उनके प्रसन्न होने का संकेत है. पितृ जब किसी इंसान से खुश होते हैं तो उनके जीवन की सारी बाधाएं, सारी समस्याएं अपने आप ही ख़त्म होने लगती हैं. उस इंसान पर पितरों का आशीर्वाद बना रहता है और वह अपने जीवन में कई उपलब्धियां हासिल कर लेता है.
यदि सपने में आपके पितृ बाल संवारते हुए दिखाई दें तो इसका अर्थ काफी ख़ास होता है. इसका अर्थ होता है कि आप पर आने वाली मुसीबत से आपको आपके पितरों ने बचा लिया है और उसे अपने ऊपर ले लिया है.
यदि पितृ आपको सपने में शांत मुद्रा में दिखाई देते हैं तो इसका मतलब है कि वो आपसे पूर्णत: संतुष्ट हैं. ये कोई बड़ी खुशखबरी हो सकती है. इस स्थति में आपको संतान पक्ष से भी कोई शुभ समाचार मिल सकता है. आपको करियर में भी बड़ी सफलता हाथ लग सकती है.
यदि आपको सपने में आपके पितृ रोते हुए आते हैं तो ये बहुत ही अशुभ संकेत है. ऐसा होने पर आपको सावधान हो जाना चाहिए. पितरों का रोना आप पर संकट के आने का संकेत हो सकता है.