नई दिल्ली। वास्तु शास्त्र में सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा के बारे विषय में जानकारी दी गई है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, हर चीज में ऊर्जा होती है। जो कि हमारे आसपास के वातावरण को प्रभावित करती हैं। वास्तु की मानें तो पक्षियों में भी ऊर्जा होती है, जिनका घर में आना-जाना कई तरह के शुभ […]
नई दिल्ली। वास्तु शास्त्र में सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा के बारे विषय में जानकारी दी गई है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, हर चीज में ऊर्जा होती है। जो कि हमारे आसपास के वातावरण को प्रभावित करती हैं। वास्तु की मानें तो पक्षियों में भी ऊर्जा होती है, जिनका घर में आना-जाना कई तरह के शुभ और अशुभ संकेत देता है। ऐसे में अगर ये पक्षी घर में आएं या घोंसला बना लें तो इसका भी विशेष मतलब है। दरअसल, यहां हम जिस पक्षी के बारे में बात कर रहे हैं वो है हरे रंग का तोता। जिसका घर में आना बेहद शुभ माना जाता है। तोते के घर में आने का मतलब है कि आपको धन लाभ होने वाला है।
दरअसल, वास्तु शास्त्र के अनुसार तोते का संबंध धन के देवता कुबेर से माना जाता है। ये कामदेव का वाहन भी है। इसी कारण तोता को शुभता का प्रतीक माना जाता है। तोते का घर में आना बेहद शुभ माना जाता है। तोता घर में आए तो अचानक धन प्राप्ति के योग बनता है। अगर किसी व्यापारी के घर में तोता आए तो उसके व्यापार में बढ़ोत्तरी होती है। तोता का घर में आना रुका हुआ धन भी दिलाता है। कुल मिलाकर तोता का घर में आना बहुत शुभ होता है और यह आर्थिक लाभ होने का भी संकेत देता है।
सुबह के समय चिड़िया की चहचहाट सुनने से मन खुश हो जाता है। इसी प्रकार चिड़िया का घर में आना, दाना-पानी ग्रहण करना भी काफी शुभ माना जाता है। जिस घर में चिड़िया अपना घोंसला बना लेती है, वहां सुख-समृद्धि का वास होता है। वास्तु शास्त्र की मानें तो चिड़िया का घर में आना या घर में घोंसला बनाना बहुत अच्छा होता है। ये घर में खुशियां आने का संकेत है। साथ ही जहां चिड़िया का घोंसला होता है, वहां संकट भी टल जाता है।
तोता के अलावा घर के आसपास उल्लू का दिखना भी काफी शुभ माना जाता है। उल्लू का दिखना मां लक्ष्मी की कृपा बरसने का संकेत है। ऐसे में अगर उल्लू दिखे या घर में आ जाए तो धन लाभ होता है।
(Disclaimer: यहां दी गई सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। जिसका किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं की गई है। यहां दी गई किसी भी जानकारी या मान्यता पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)