हर साल रक्षा बंधन पूर्व श्रावण मास की पूर्णिमा को 'वरलक्ष्मी-व्रत' रखा जाता है, इस व्रत की अपनी खास महिमा है. इस व्रत को रखने से घर की दरिद्रता खत्म हो जाती है, साथ ही परिवार में सुख-संपत्ति बनी रहती है.
रक्षाबंधन के दिन बहन का अटूट प्यार एक धागे के रूप में भाई के कलाई पर दिखता है. भाई उस घागे के बदले बहन को रक्षा करने का वचन देता है. सावन के आखिरी सोमवार यानी 7 अगस्त को रक्षा बंधन है और इसी दिन चंद्र ग्रहण भी लग रहा है, जिसका सीधा असर कई राशियों पर पड़ेगा.
पुत्रदा एकादशी व्रत हिंदू धर्म में काफी अहम स्थान रखता है. पुत्रदा एकादशी साल में दो बार आती है. एक बार पौष माह में और दूसरी बार सावन में. सावन मास के शुक्ल पक्ष की पुत्रदा एकादशी को पवित्रा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है.
रक्षाबंधन का दिन भाई-बहन के लिए बेहद ही खास होता है, बहन इस दिन अपने प्यार को एक रक्षासूत्र में पिरो कर भाई के कलाई पर बांधती है और लंबी आयु की कामना करती है. भाई भी बहन को उपहार के साथ-साथ रक्षा करने का वचन देता है लेकिन कम लोग ही इस बात से वाकीफ हैं कि किस राशि के लोगों को किस रंग की राखी बांधनी चाहिए.
रक्षा बंधन का त्यौहार भाई बहन के प्यार में मिठास घोलता है इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर जीवन में सदा खुश रहने की कामना करती है तो वही भाई बहन कि जीवन भर ऱक्षा करने का वचन देता है.
हिन्दू धर्म के अनुसार नागों को देवता माना जाता है इसलिए सावन के महीने में शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन नागों की पूजा कर नाग पंचमी मनाई जाती है. आज सावन महीने की नाग पंचमी मनाई जा रही है.
रक्षा बंधन का त्योहार भाई बहन के रिश्ते और उसमें बसे प्यार को मजबूत करता है. रक्षाबंधन के दिन बहन भाई के कलाई पर राखी बांधती है तो भाई भी बहन को तोहफे में कुछ उपहार देता है और खुश रहने के लिए भगवान से दुआ करता है.
सावन महीना आते ही कई त्योहारों का आगमन हो जाता है. इन्हीं में से एक है त्योहार है हरियाली तीज. सावन महीने में शिव की विशेष आराधना के साथ हरियाली तीज महोत्सव भी बेहद खुशी के साथ मनाया जाता है. हरियाली तीज श्रावण मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है.
आज सावन का तीसरा सोमवार है और सुबह से ही भक्तों की भीड़ मंदिरों में उमड़ती हुई नजर आ रही है, मंदिरों में भक्तजन लाइन में खड़े होकर भोलेनाथ के जयकारों लगाते हुए भी नजर आए.
सावन के महीने में पड़ने वाली अमावस्या का अपना अलग ही महत्व है. इसे हरियाली अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है