Padmini Ekadashi 2018: मलमास या अधिक मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को पद्मिनी एकादशी कहा जाता है. इस खास एकादशी को कमला व पुरुषोत्तम एकादशी के नाम से भी जाना जाता है.
नई दिल्ली. वर्षभर में 12 एकादशी आती हैं जिस दिन श्रद्धालु व्रत कर भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करते हैं. हालांकि हर माह की एकादशी का महत्व अलग अलग होता है. मलमास या अधिक मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को पद्मिनी एकादशी कहा जाता है. इस एकादशी को कमला या पुरुषोत्तमी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. पद्मिनी एकादशी पर व्रत करने से पापों का नाश और सुख समृद्धि मिलती हैं. इस बार पद्मिनी एकादशी का व्रत 25 मई 2018 शुक्रवार को पड़ रहा है.
इस एकादशी का महत्व इसीलिए खास है क्योंकि यह एकादशी तीन साल में एक बार आती है. कमला एकादशी या पद्मिनी के दिन भगवान विष्णु लक्ष्मी जी की पूजा अर्चना के साथ साथ शिव पार्वती का पूजन करने का विधान है. इस दिन के दिन दान का भी विशेष महत्व है. इस दिन जो व्रत न भी रख पाएं उसे भी जरूरतमंदों को तिल, वस्त्र, धन, फल और मिठाई आदि का दान करना चाहिए.
पद्मिनी एकादशी कमला एकादशी पूजा विधि
सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान कर लें. इसके उपरांत घर के मंदिर में या घर के नजदीक मंदिर में जाकर भगवान विष्णु लक्ष्मी और शिव-पार्वती की पूजा करें. प्रत्येक भगवान को अलग अलग भोग व भेंट प्रस्तुत करें जैसे नारियल, बेल, सीताफल, नारंगी और सुपारी आदि.
एकादशी तिथि शुभ मुहूर्त
एकादशी तिथि शुरुआत- 6 बजकर 18 मिनट से (25 मई)
एकादशी तिथि समाप्त- 5 बजकर 47 मिनट (25 मई)
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