नई दिल्ली : उत्तर भारत के त्योहारों में छठ पूजा भी शामिल है, दीवाली के छह दिन बाद महापर्व छठ पूजा मनाया जाता है. ये पर्व सूर्य देव और षष्ठी माता को समर्पित है छठ पूजा में संतान के अच्छे स्वास्थ्य और उज्ज्वल भविष्य की कामना के लिए महिलाऐं और पुरुष 36 घंटे का व्रत […]
नई दिल्ली : उत्तर भारत के त्योहारों में छठ पूजा भी शामिल है, दीवाली के छह दिन बाद महापर्व छठ पूजा मनाया जाता है. ये पर्व सूर्य देव और षष्ठी माता को समर्पित है छठ पूजा में संतान के अच्छे स्वास्थ्य और उज्ज्वल भविष्य की कामना के लिए महिलाऐं और पुरुष 36 घंटे का व्रत रखते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं इस साल छठ पूजा का व्रत कब से शुरू होगा और कब समाप्त होगा।
छठ पूजा व्रत कब होगा
यह पर्व कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से शुरू और सप्तमी तिथि पर सूर्योदय के समय अर्ध्य देने के साथ समाप्त होता है. छठ पूजा का व्रत रखने वाले लोग 24 घंटों से भी ज्यादा समय तक निर्जल उपवास रखते हैं. छठ का पर्व चार दिन तक चलता है. नहाय खाय से इसकी शुरुआत होती है, फिर दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य और चौथे दिन उगते सूर्य को जल चढ़ाया जाता है. इस बार छठी मईया की उपासना 19 नवंबर को की जाएगी।
छठ पूजा पर्व सूर्य को अर्घ्य तक की पूरी तिथि
नहाय खाय – 17 नवंबर 2023
खरना – 18 नवंबर 2023
अस्तगामी सूर्य को अर्घ्य – 19 नवंबर 2023
उदयीमान सूर्य को अर्घ्य – 20 नवंबर 2023
छठ पूजा का महत्व
बता दें इस विशेष दिन 36 घंटों के निर्जला व्रत नियमों के साथ पुरे विधि विधान से छठी मईया और भगवान सूर्य की पूजा होती है. मान्यता के द्वारा इस दिन लोग अपनी संतान के बेहतर स्वास्थ्य, सुख, बल की प्राप्ति के लिए पूजा करते हैं, धार्मिक मान्यताओं की बात करें तो छठी मईया बच्चों पर आने वाले संकट का नाश करती हैं.
इस पर्व की एक विशेष मान्यता यह भी है सबसे पहले सूर्यपुत्र कर्ण ने पूजा करके शुरू किया, कर्ण ने घंटों पानी में रहकर भगवान सूर्य की पूजा – अर्चना की जिसके परिणाम के रूप में सूर्य देव की कृपा से वह महान योद्धा बने।