नवरात्रि के छठे दिन इस सरल तरीके से करें मां कात्यायनी की पूजा, जानिए पूरा विधि-विधान और शुभ महुर्त

नई दिल्ली: शारदीय नवरात्रि के नौ दिन माता के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा का विशेष महत्व है। मां कात्यायनी को युद्ध की देवी माना जाता है, जो दुष्टों का संहार करती हैं और भक्तों को विजय का आशीर्वाद देती हैं। इस दिन विधिपूर्वक पूजा करने से […]

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नवरात्रि के छठे दिन इस सरल तरीके से करें मां कात्यायनी की पूजा, जानिए पूरा विधि-विधान और शुभ महुर्त

Shweta Rajput

  • October 8, 2024 7:57 am Asia/KolkataIST, Updated 1 month ago

नई दिल्ली: शारदीय नवरात्रि के नौ दिन माता के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा का विशेष महत्व है। मां कात्यायनी को युद्ध की देवी माना जाता है, जो दुष्टों का संहार करती हैं और भक्तों को विजय का आशीर्वाद देती हैं। इस दिन विधिपूर्वक पूजा करने से भक्तों को शक्ति और विजय की प्राप्ति होती है।

पूजा का शुभ मुहूर्त

– पूजा का समय: सुबह 06:15 से दोपहर 12:30 बजे तक

– अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:45 से दोपहर 12:30 बजे तक

– प्रदोष काल: शाम 05:50 से रात 08:30 तक

मां कात्यायनी का स्वरूप और महत्व

मां कात्यायनी का रूप अत्यंत दिव्य और तेजस्वी है। उनके चार हाथ होते हैं, जिनमें तलवार, कमल, और आशीर्वाद मुद्रा धारण किए होते हैं। मां सिंह पर सवार रहती हैं और उनका मुख तेजस्वी और भयमुक्त है। माता का यह रूप भक्तों को साहस, शक्ति और उन्नति प्रदान करता है।

छठे दिन पूजा की विधि

1. स्नान और शुद्धिकरण: प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थान को साफ करें और वहां गंगाजल छिड़ककर शुद्ध करें।

2. मां कात्यायनी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें: एक साफ और पवित्र स्थान पर मां कात्यायनी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। उनके सामने दीप जलाएं।

3. संकल्प लें: हाथ में जल, चावल और फूल लेकर संकल्प लें कि आप पूरे विधि विधान से मां की पूजा करेंगे और उनका आशीर्वाद प्राप्त करेंगे।

4. धूप और दीप अर्पण करें: मां के समक्ष धूप और दीप जलाकर उन्हें अर्पित करें।

5. नैवेद्य अर्पण: मां कात्यायनी को शहद, नारियल, मिठाई या फल का भोग लगाएं। यह माना जाता है कि मां को शहद का भोग विशेष रूप से प्रिय है।

6. मंत्र जाप करें: “ॐ देवी कात्यायन्यै नमः” इस मंत्र का 108 बार जाप करें।

7. आरती करें: अंत में मां की आरती करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें। आरती के बाद प्रसाद को सभी में बांटें।

मां कात्यायनी की पूजा का महत्व

मान्यता है कि मां कात्यायनी की पूजा से भय, रोग और शत्रु का नाश होता है। उनकी कृपा से साधक को बल, बुद्धि, और विजय की प्राप्ति होती है। जो लोग अपने जीवन में किसी विशेष उद्देश्य की पूर्ति चाहते हैं, उन्हें मां कात्यायनी की पूजा अवश्य करनी चाहिए।

ध्यान देने योग्य बातें

– पूजा के समय मन को शांत रखें और श्रद्धापूर्वक माता का ध्यान करें।

– घर के सभी सदस्य पूजा में शामिल हों और मिलकर मां से आशीर्वाद प्राप्त करें।

– मां कात्यायनी की पूजा में सफेद फूल चढ़ाना शुभ माना जाता है, इसलिए पूजा में सफेद फूलों का उपयोग करें।

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