Nirjala Ekadashi 2018: निर्जला एकादशी की तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व जानकर करें भगवान विष्णु की पूजा

Nirjala Ekadashi 2018 Date: ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी कहा जाता है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा पूरे विधि विधान से की जाती है. निर्जला एकादशी का शुभ मुहुर्त जानकर सही पूजा विधि से करें भगवान विष्णु की पूजा.

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Nirjala Ekadashi 2018: निर्जला एकादशी की तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व जानकर करें भगवान विष्णु की पूजा

Aanchal Pandey

  • June 21, 2018 2:56 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. साल में 12 एकादशी पड़ती हैं लेकिन ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी का खास महत्व होता है. इस एकादशी को निर्जला एकादशी के नाम से जाना जाता है. भीषण गर्मी में भक्त खुद को कष्ट देकर बिना पानी पिए इस व्रत को पूरा करते हैं और विष्णु भगवान अपने भक्तों की मनोकामनाएं अवश्य पूरा करते हैं. यह अधिकामास है जिसे पुरुषोत्तम मास के नाम से भी जाना जाता है. इस माह प्रत्येक तीन वर्षों के बाद आता है जिसकी वजह से कुल एकादशी की संख्या बढ़कर 26 हो जाती है.

हिंदू रीति रिवाजों में अधिकमास की निर्जला एकादशी का खास महत्व होता है. इस माह की ग्यारस पर व्रत करने से अवश्य ही श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूरी करते हैं. ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी पर पानी पीना वर्जित होता है इसीलिए इसे निर्जला एकादशी कहते हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार यह व्रत इंसान को मन में संयम रखना और शरीर को ऊर्जा देने का काम करता है. इस व्रत में खाना तो दूर पानी पिना भी वर्जित है.

निर्जला एकादशी पूजा विधि व शुभ मुहूर्त
इस दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करने के पश्चात भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. इस दिन भगवान को पंजरी का प्रसाद चढ़ाएं और चावल का सेवन खुद भी न करें और परिवार में भी किसी को न करने दें. भगवान विष्णु को प्रसाद को भोग लगाने के बाद एकादशी व्रत कथा पढ़ें. इस बार निर्जला एकादशी तिथि 23 जून 2018 को पड़ रही है. यह 3 बजकर 19 मिनट पर शुरू होगी और 24 जून 2018 को 03 बजकर 52 मिनट तक प्रभावी रहेगी.

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