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Nirjala Ekadashi 2019: जानें कब है निर्जला एकादशी व्रत 2019, व्रत महत्व पूजा विधि समेत पूरी जानकारी

Nirjala Ekadashi 2019: ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी कहा जाता है. शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु की पूजा पूरे विधि विधान से करने पर मनोवांछित फल मिलता है. निर्जला एकादशी का शुभ मुहुर्त जानकर सही पूजा विधि से करें भगवान विष्णु की पूजा.

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Nirjala Ekadashi 2019
  • June 7, 2019 8:49 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत महत्व माना जाता है. हर वर्ष 24 एकादशियां होती हैं. जब अधिकमास या मलमास आता है तब इनकी संख्या बढ़कर 25 हो जाती है. ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी कहते है इस व्रत में पानी भी नहीं पीते हैं. इसलिए इस निर्जला एकादशी कहते हैं. इस व्रत को नर नारी दोनों को करना चाहिए. इस दिन निर्जल व्रत करते हुए शेषशायी रूप में भगवान विष्णु की अराधना का विशेष महत्व है. इस दिन ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय का जप करके गोदान, वस्त्र दान, फल का दान करना चाहिए.

शास्त्रों के अनुसार अगर आप इस दिन लोगों और दूसरे जीवें को पानी पिलाते हैं तो आपको पूरे व्रत का फल मिल ही जाता है. इस व्रत को घर की सुख-शांति के लिए रखा जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं. इस व्रत की सबसे बात यह है कि साल भर में आने वाले सभी एकादशियों का फल केवल इस व्रत को रखने से मिल जाता है. मान्यता है कि इस व्रत को महाभारत काल में पांडु पुत्र भीम ने किया था. इसी वजह से एसे भीम एकादशी भी कहा जाता है.

निर्जला एकादशी कब है: Nirjala Ekadashi 2019

इस साल निर्जला एकादशी 13 जून 2019 को होगी. निर्जला एकादशी व्रत करने वाले को सुबह उठकर स्नान करके भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए और व्रत का संकल्प लेना चाहिए. भगवान विष्णु को पीला रंग पसंद है. ऐसे में उन्हें पीले फल, पीले फूल, पीले पकवान का भोग लगाएं. दीपक जलाकर आरती करें. इस दौरान ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का भी जाप करें. निर्जला एकादशी के दिन दान अवश्य करें. शाम के समय तुलसी जी की पूजा करें. व्रत के अगले दिन सुबह उठकर स्नान करके भगवान विष्णु की पूजा करें और गरीब, जरूरतमंद या फिर ब्राह्मणों को भोजन करवाएं. इसके बाद स्वयं भोजन करें.

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