नई दिल्ली। देखते ही देखते नवरात्रि का आठवां दिन आ गया है बाकी दिनों की ही तरह इस दिन मां दुर्गा के आठवें रूप मां महागौरी को समर्पित है. इस दिन मां महागौरी के पूजन को विशेष महत्व दिया जाता है. इस दिन मनुष्य ही नहीं बल्कि देव, दानव, राक्षस, गंधर्व, नाग, यक्ष, किन्नर, सभी […]
नई दिल्ली। देखते ही देखते नवरात्रि का आठवां दिन आ गया है बाकी दिनों की ही तरह इस दिन मां दुर्गा के आठवें रूप मां महागौरी को समर्पित है. इस दिन मां महागौरी के पूजन को विशेष महत्व दिया जाता है. इस दिन मनुष्य ही नहीं बल्कि देव, दानव, राक्षस, गंधर्व, नाग, यक्ष, किन्नर, सभी मां महागौरी की आराधना एंव प्रसन्न करने के लिए तप करते हैं. ऐसा माना जाता है कि इस दिन मां महागौरी के पूजन के लिए ईश्वर भी शामिल होते है और माता का पूजन करते हैं इसलिए इस दिन की पूजा आप को विशेष फल मिल सकता है और समस्त देवता मां के भक्तों पर करुणा बरसाते हैं. मां मनवांछित फल प्रदान करती हैं. मातामहागौरी का पूजन आप को पूरे नौ दिनों के पूजन के बराबर फल देता है.
मां दुर्गा को पान, सुपारी, ध्वजा, नारियल अत्यंत प्रिय है और मां को चढ़ावा हर बार चढ़ता है मगर दुर्गाष्टमी को इस चढ़ावे का विशेष महत्त्व होता है. इस दिन चढ़ावा चढ़ाने से मां भक्तों को मनवांछित फल प्रदान करती है. पताखा यानी ध्वज से मां का विशेष लगाव है और ये धर्म, सत्य, और विजय का ध्वज है.
भक्त को भक्ति देती है और निःशक्त को देती है मां शक्ति ,विद्यार्थी को विद्या, सुहागन को सुहागवती रहने का देती है आशीर्वाद, निर्धन को धन, असहाय के होती है मां सहाय . अष्टमी के दिन पूजन करने से रोग, भोग, समृद्धि, सुख, वैभव, तप, जप, समस्त लाभ प्राप्त होते है कन्या भोज का इस दिन विशेष महत्त्व है.
अष्टमी में कुल देवी तथा मां काली, दक्षिण काली, भद्रकाली और महाकाली की भी उपासना की जाती है. मां महागौरी माता अन्नपूर्ण का भी स्वरूप हैं इसीलिए मां अन्नपूर्णा के रूप में महागौरी की पूजा होती है और अष्टमी के दिन कन्या भोज तथा ब्राह्मणों को भोजन कराना अत्यंत फलदायी माना जाता है.