नई दिल्ली. अश्विन मास के नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि कहा जाता है. साल भर में चार नवरात्रि पड़ते हैं. दो गुप्त नवरात्रि और एक चैत्र व एक शारदीय नवरात्रि. इन नवरात्र में मां दुर्गा के नौ रूपों का पूजन किया जाता है. शैलपुत्री, ब्रह्मपुत्री, स्कंदमाता, कात्यानी देवी, महागौरी समेत नौ रूपों की पूजा नियम कायदों व शुभ मुहूर्त के अनुसार की जाता है. नौ दिन व्रत रख भक्त अष्टमी या नवमी पर कन्या पूजन कर अपना व्रत खोलते हैं. जानिए क्या है अष्टमी तारीख, पूजा समय, महत्व.
अष्टमी पूजन महत्व
शारदीय नवरात्रि में अधिकतम भक्त अष्टमी पूजन करते हैं. इस दिन प्रसाद बनाकर कन्या पूजन किया जाता है. कहा जाता है कि कन्या पूजन के बिना नवरात्रि अधूरे रहते हैं. कन्या पूजन में छोटी छोटी कन्याओं को माता का स्वरूप मान भोज करवाया जाता है उन्हें हलवा पूड़ी का भोग लगाया जाता है व उपहार दिए जाते हैं. कन्या पूजन के बाद ही व्रती अपना व्रत खोलते हैं. इस दिन का बंगाली परिवारों में दुर्गा अष्टमी का विशेष महत्व है.
शारदीय नवरात्रि में अष्टमी तिथि और शुभ मुहूर्त
इस साल अष्टमी बुधवार, 17 अक्टूबर 2018 को मनाई जाएगी.
16 अक्टूबर 2018 को अष्टमी तिथि की शुरुआत = 10:16 बजे
अष्टमी तिथि समाप्त = 12: 49 बजकर 17 अक्टूबर 2018
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