Navratri 2023: नवरात्री का दूसरा दिन आज, मां ब्रह्मचारिणी पुरी करेंगी सबकी मनोकामनायें

नई दिल्लीः नवरात्री का आज दूसरा दिन है। शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन को माता रानी के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पुजा की जाती है। माता ब्रह्मचारिणी देवी को ज्ञान, तपस्या और वैराग्य की देवी माना जाता है। बहुत ही कठोर साधना व तपस्या और ब्रह्म में लीन रहने के कारण इन्हें ब्रह्मचारिणी देवी कहा जाता […]

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Navratri 2023: नवरात्री का दूसरा दिन आज, मां ब्रह्मचारिणी पुरी करेंगी सबकी मनोकामनायें

Sachin Kumar

  • October 16, 2023 10:48 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्लीः नवरात्री का आज दूसरा दिन है। शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन को माता रानी के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पुजा की जाती है। माता ब्रह्मचारिणी देवी को ज्ञान, तपस्या और वैराग्य की देवी माना जाता है। बहुत ही कठोर साधना व तपस्या और ब्रह्म में लीन रहने के कारण इन्हें ब्रह्मचारिणी देवी कहा जाता है। बता दें कि सभी विद्यार्थियों के लिए और तपस्वियों के लिए इनकी पूजा बहुत ही शुभ फलदायी मानी जाती है। कहा जाता है कि जिनकी भी कुंडली में चन्द्रमा कमजोर होता है,उनके लिए भी मां ब्रह्मचारिणी की उपासना अत्यंत लाभदारी मानी जाती है।

नवरात्रि में दूसरे दिन मुहूर्त

शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन पूजा के लिए 2 शुभ मुहूर्त होगें। पहला सुबह 10:17 बजे से सुबह 11:58 बजे तक अमृत काल रहेगा। व दुसरा सुबह 11:44 बजे से दोपहर 12:29 बजे तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा। पूजा करने के लिए ये दोनों ही मुहूर् अति शुभ हैं।

माता कि पूजा विधि

इन बातों का जरुर ध्यान दें कि मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करते वक्त पीले या फिर सफेद वस्त्र को ही धारण करें। तथा मां को सफेद वस्तुएं भी अर्पित करें। जैसे कि पंचामृत, शक्कर,सफेद मीठाई य मिसरी। मां ब्रह्मचारिणी के लिए “ॐ ऐं नमः” का जाप करना उत्तम माना जाता है। या फिर ज्ञान और वैराग्य का कोई भी मंत्र जप सकते हैं ।देवी की

मां ब्रह्मचारिणी मंत्र

मां ब्रह्मचारिणी की पूजा में इन मंत्रों का करें उच्चारण।
या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
दधाना कर पद्माभ्याम अक्षमाला कमण्डलू ।
देवी प्रसीदतु मई ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा ।
ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः।।

चंद्रमा कमजोर है तो करें ये उपाय

शास्त्रों के मुताबिक,यदि आपका चंद्रमा कमजोर है तो यह प्रयोग नवरात्रि के दूसरे दिन करें। देवी को सफेद पुष्प अर्पित करें तथा सफेद वस्तुओं का भी भोग लगाएं। देवी को चांदी का अर्ध चन्द्र भी अर्पित कीजिए और इसके बाद “ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः” का तीन बार माला जाप करें। फिर अर्धचंद्र को लाल धागे में पिरोकर गले में धारण कर लीजिए।

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