Navratri 2022: बस इतनी देर ही है नवमी तिथि, इस शुभ मुहूर्त में करें हवन

नई दिल्ली. नवरात्रि हिन्दुओं का विशेष पर्व है, इस पावन अवसर पर मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-आराधना की जाती है. इसलिए यह पर्व नौ दिनों तक मनाया जाता है, वेद-पुराणों में मां दुर्गा को शक्ति का रूप माना गया है जो पाप का नाश करती हैं, नवरात्र के समय मां के भक्त उनसे […]

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Navratri 2022: बस इतनी देर ही है नवमी तिथि, इस शुभ मुहूर्त में करें हवन

Aanchal Pandey

  • October 3, 2022 10:58 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली. नवरात्रि हिन्दुओं का विशेष पर्व है, इस पावन अवसर पर मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-आराधना की जाती है. इसलिए यह पर्व नौ दिनों तक मनाया जाता है, वेद-पुराणों में मां दुर्गा को शक्ति का रूप माना गया है जो पाप का नाश करती हैं, नवरात्र के समय मां के भक्त उनसे अपने सुखी जीवन और समृद्धि की कामना करते हैं. नवरात्र एक साल में चार बार मनाई जाती है, नवरात्रि में कई जगहों पर मेलों का भी आयोजन किया जाता है. नवमी के दिन माता सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. इस दिन भक्तगण मां सिद्धिदात्री की विधिवत पूजा-अर्चना करने के साथ हवन भी करते हैं, साथ ही इस दिन कन्या पूजन का भी विधान है. नवमी तिथि के दिन जो लोग भी नौ दिन का व्रत रखते हैं वो अपने व्रत का पारन करते हैं.

शुभ मुहूर्त

नवमी का शुभ मुहूर्त आज यानी 3 अक्टूबर को शाम 04 बजकर 37 मिनट से शुरू हो चुका है, जो कि 4 अक्टूबर को दोपहर 02 बजकर 20 मिनट तक रहेगा, इसके बाद दशमी तिथि शुरू हो जाएगी. हिंदू पंचांग के मुताबिक, महानवमी 4 अक्टूबर को मनाई जाएगी, वहीं मंगलवार दोपहर 1.32 बजे तक हवन का सबसे अच्छा मुहूर्त है. वहीं सुबह 9.10 बजे से साढ़े 11 बजे के बीच स्थिर लग्न में भी हवन काफी शुभ माना जाता है. इसी के साथ हवन का तीसरा शुभ मुहूर्त सुबह साढ़े 11 बजे से दोपहर डेढ़ बजे तक रहेगा, वहीं नवमी तिथि के समापन से पहले हवन करना बहुत शुभ है क्योंकि इसके बाद दशमी तिथि शुरू हो जाएगी. ‘

कन्या पूजन के दौरान इन बातों का रखें ध्यान

कन्या पूजन के लिए कन्याओं को प्रेम पूर्वक अपने घर में बुलाएं और आदर के साथ उनके विदा करें.
कन्या पूजन के लिए हमेशा 02 से 10 साल कन्याओं को आमंत्रित करें, ध्यान रखें कन्या पूजन के लिए हमेशा 09 कन्याओं को बुलाएं.
नवरात्रि में कन्याओं के साथ एक छोटे बालक को जरूर बुलाएं क्योंकि कन्याओं के साथ पूजे जाने वाले बालक को भगवान भैरव के रूप में पूजे जाने की सालों से परंपरा चली आ रही है.
कन्या पूजन आप अपनी मान्यता के मुताबिक अष्टमी या नवमी किसी भी दिन कर सकते हैं.
कन्या का पूजा करने से पहले उनके पैर अच्छे से धुलें और उसे पोंछने के बाद स्वच्छ आसन पर बिठाकर विधि-विधान पूजा करें और उसके बाद उन्हें खीर, हलवा, चना, पूड़ी आदि खिलाएं, इसी के साथ ध्यान रखें कन्या पूजन के बाद उन्हें जाते समय कन्याओं को कुछ न कुछ गिफ्ट या धन जरूरी दें. कन्याओं को विदा करने से पहले उनका आशीर्वाद लेना बिल्कुल न भूलें.

 

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