Navratri 2020 Skanda Mata Puja: नवरात्र के पांचवे दिन इस विधि और मंत्रों के साथ करें मां स्कंदमाता को प्रसन्न, बरसेगी मां की कृपा

Navratri 2020 Skanda Mata Puja: स्कंदमाता को प्रसन्न करने के कुछ मंत्र हैं जिनका आज हम इस खबर में जिक्र करने जा रहे हैं. इन मंत्रों का जाप करने से स्कंदमाता सभी मनोकामनाओं को पूरा करती हैं. ऐसी मान्यता है कि स्कंदमाता की पूजा करने से मोक्ष के द्वार खुल जाता है वहीं मां निसंतान दंपत्तियों की झोली भरती हैं साथ ही अशुभ का नाश करती हैं.

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Navratri 2020 Skanda Mata Puja: नवरात्र के पांचवे दिन इस विधि और मंत्रों के साथ करें मां स्कंदमाता को प्रसन्न, बरसेगी मां की कृपा

Aanchal Pandey

  • October 21, 2020 2:15 am Asia/KolkataIST, Updated 4 years ago

Shardiya Navratri 2020 5th Day: हिंदू पंचांग के मुताबिक आज आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है और आज नवरात्र का पांचवा दिन है. नवरात्र का पांचवा दिन मां स्कंदमाता को समर्पित होता है. ऐसी मान्यता है कि आज के दिन मां स्कंदमाता की पूजा करने से जीवन मे सुख और शांति आती है. स्कंदमाता के बारे में कहा जाता है कि स्कंदमाता मोक्ष प्रदान करने वाली देवी हैं. स्कंदमाता अपने भक्तों से बहुत जल्द प्रसन्न होती है.

स्कंदमाता को प्रसन्न करने के कुछ मंत्र हैं जिनका आज हम इस खबर में जिक्र करने जा रहे हैं. इन मंत्रों का जाप करने से स्कंदमाता सभी मनोकामनाओं को पूरा करती हैं. ऐसी मान्यता है कि स्कंदमाता की पूजा करने से मोक्ष के द्वार खुल जाता है वहीं मां निसंतान दंपत्तियों की झोली भरती हैं साथ ही अशुभ का नाश करती हैं. तो चलिए जानते हैं स्कंदमाता को प्रसन्न करने के कौन-कौन से मंत्र हैं और मां की आरती कौन सी है.

स्कंदमाता का प्रार्थना मंत्र
सिंहासनगता नित्यं पद्माञ्चित करद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥

स्कंदमाता को प्रसन्न करने वाला बीज मंत्र
ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:।

माता स्कंदमाता को प्रसन्न करने का मंत्र
1. या देवी सर्वभूतेषु मां स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता.
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥

2. या देवी सर्वभूतेषु मां स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता.
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥

3. महाबले महोत्साहे. महाभय विनाशिनी.
त्राहिमाम स्कन्दमाते. शत्रुनाम भयवर्धिनि..

4. ओम देवी स्कन्दमातायै नम:॥

स्कंदमाता की स्तुति करने का मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु मां स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥

स्कंदमाता की आरती
जय तेरी हो स्कंदमाता।
पांचवां नाम तुम्हारा आता।
सब के मन की जानन हारी।
जग जननी सब की महतारी।
तेरी ज्योत जलाता रहूं मैं।
हर दम तुम्हें ध्याता रहूं मैं।
कई नामों से तुझे पुकारा।
मुझे एक है तेरा सहारा।
कहीं पहाड़ों पर है डेरा।
कई शहरो में तेरा बसेरा।
हर मंदिर में तेरे नजारे।
गुण गाए तेरे भक्त प्यारे।
भक्ति अपनी मुझे दिला दो।
शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो।
इंद्र आदि देवता मिल सारे।
करे पुकार तुम्हारे द्वारे।
दुष्ट दैत्य जब चढ़ कर आए।
तुम ही खंडा हाथ उठाएं
दास को सदा बचाने आईं
चमन की आस पुराने आई।

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