Navratri 2019 Puja Samagri: चैत्र नवरात्रि 2019 पूजा सामग्री और कलश स्थापना शुभ मुहूर्त

Navratri 2019 Puja Samagri: इस साल चैत्र नवरात्र 6 अप्रैल से शुरू हो रहे हैं. इसके साथ नवमी 14 अप्रैल को पड़ेगी. हर साल दो नवरात्र पड़ते हैं. इनका अपना-अपना महत्व होता है. इन्हीं दिनों में माता कानी री पूजा अर्चाना कर इनको प्रसन्न किया जाता है. मान्यता यह है कि इस पूजा अर्चना के बाद माता अपने भक्तों से खुश होती है और उनको मनोवांछित फल देती है.

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Navratri 2019 Puja Samagri: चैत्र नवरात्रि 2019 पूजा सामग्री और कलश स्थापना शुभ मुहूर्त

Aanchal Pandey

  • March 28, 2019 4:11 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. Navratri 2019: इस साल चैत्र नवरात्र 6 अप्रैल से शुरू हो रहे हैं. इसके साथ नवमी 14 अप्रैल को पड़ेगी. हर साल दो नवरात्र पड़ते हैं. इनका अपना-अपना महत्व होता है. इन्हीं दिनों में माता रानी की पूजा अर्चना कर इनको प्रसन्न किया जाता है. मान्यता यह है कि इस पूजा अर्चना के बाद माता अपने भक्तों से खुश होती है और उनको मनोवांछित फल देती है. वहीं अगर कलश स्थापना शुभ मुहूर्त की बात की जाए तो चैत्र नवरात्र के पहले दिन सूर्योदय के बाद अभिजीत मुहुर्त में करना उत्तम होता है. ऐसा माना जा ताहै कि अगर इस समय के आगे-पीछे कलश पूजन किया जाता है तो वो अच्छा नहीं माना जाता.

कलश स्थापना शुभ मुहूर्त-

कलश स्थापना शुभ मुहूर्त 6 अप्रैल के दिन में 11 बजकर 58 मिनट से लेकर 12 बजकर 49 मिनट के बीच का अभिजीत मुहुर्त हैं. इस मुहुर्त के समय कर्क लग्न है. ये चर राशि मानी जाती है. जो कलश स्थापना के लिए शुभ मुहुर्त नहीं माना जाता. इसलिए प्रात 6 बजकर 9 मिनट से लेकर 10 बजकर 21 मिनट तक कलश स्थापना का शुभ मुहुर्त है. इसके पीछे का करण ये है कि इस समय में द्विस्वभाव मीन लग्न लगता है. जो शुभ माना जाता है.

चैत्र नवरात्रि पूजा विधि-

ये आप सभी अच्छी तरह से जानते हैं कि चैत्र नवरात्र के समय में माता के नौ रूपों की पूजा की जाती है. अस दिनों में दुर्गासप्तशती का पाठ करना चाहिए. इसके साथ ही इस समय ब्रह्म मुहुर्त में श्री रामरक्षा का पाठ भी बहुत शुभदायी होता है. माना जाता है कि इसका पाठ करने से भौतिक, दैहिक और दैविक तापों का नाश होता है. इसके अलावा इस समय में मास पराणय करना चाहिए. माता रानी के सिद्ध पीठ का दर्शन कर उनका आशीर्वाद लेना चाहिए.

बता दें कि रोज माता मंदिर जाकर विधि पूर्वक पूजन और दर्शन कर माता का आशीर्वाद पाप्त करने से समस्त सुखों की प्राप्ति होती है. पूरे नवरात्र व्रत और करके नवरात्र के आखिरी दिन हवन करने से घर में सुख शांति का वास होता है. इन दिनों के दौरान दुर्गासप्तशती के किसी भी मंत्र का जाप करते रहना चाहिए. उससे माता आपको मनोवांछित फल देती है. इसके अलावा ये समय पूरे तरीके से माता दुर्गा के शरणागत में ही बिताना चाहिए क्योंकि यही भक्ति की सर्वोच्च अवस्था है. माता रानी आपके हर दुखों को नष्ट करके सुख प्रदान करती हैं.

चैत्र नवरात्रि पूजा सामग्री-

साथ ही चैत्र नवरात्रि पूजा सामग्री जो चाहिए वो इस प्रकार है. ध्यान रहे पूरा परिवार पूजा में बैठे तो मां खुश होती हैं.
1. पूजाघर में मां दूर्गा की तस्वीर
2. दुर्गा मां को पहनाने के लिए साड़ी और दुपट्टा
3. दुर्गा माता की मंत्र और कहानी की किताब
4. जल का कलश (थोड़ा साधारण पानी में गंगा जल मिला कर)
5. ताजी आम री पत्तियां (पूजा के लिए शुभ मानी जाती हैं)
6. ताजा हरी घास (पूजा के लिए शुभ मानी जाती हैं)
7. चंदन
8. एक नारियल
9. रोली (तिलक के लिए)
10. मोली (हाथ पर बाधने के लिए)
11. चावल
12. सुपारी
13. पान के हरे और साफ पत्ते
14. लौंग
15. इलाइची
16. माता पर चढ़ाने के लिए सिंदुर
17. अगरबत्ती, दीप-धूप और माचिस
18. ताजा लाल गुलाब और जैसमिन के फूल
19. पेड़ा या लड्डू (ताजी मिठाई प्रसाद के लिए)
20. एक आसन (बैठने के लिए)

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