Navratri 2019 Day 7 Kalratri Highlights: देशभर में दुर्गा पूजा की धूम, नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की अराधना, जानें पूजा विधि, व्रत कथा और भोग समेत पूरी जानकारी

Navratri 2019 Day 7 Kalratri Highlights: देशभर में नवरात्रि धूम-धाम से मनाया जा रहा है. देशभर में पंडालों में पंचमी के दिन ही दुर्गा माता की मूर्ति को विराजमान कर दिया गया है. शनिवार 5 अक्टूबर को मां कालरात्रि की पूजा-अर्चना हो रही है. जानें मां कालरात्रि की पूजा कैसे और किस मुहूर्त में करें और साथ ही किन मंत्रोच्चराण से मां कालरात्रि को प्रसन्न करें. साथ ही जानें कि कैसे और किस चीज से लगाएं भोग.

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Navratri 2019 Day 7 Kalratri Highlights: देशभर में दुर्गा पूजा की धूम, नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की अराधना, जानें पूजा विधि, व्रत कथा और भोग समेत पूरी जानकारी

Aanchal Pandey

  • October 4, 2019 10:50 am Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

नई दिल्ली. Navratri 2019 Day 7 Kalratri Highlights: देशभर में नवरात्रि धूम-धाम से मनाई जा रही है और पंडालों में दुर्गा माता की मूर्ति विराजमान किए जाने के साथ ही रौनक बढ़ गई है. आज छठा दिन है और भक्त जन दुर्गा माता के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा-अर्चना करने के साथ ही भोग भी लगा चुके हैं. कल यानी शनिवार को नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा-अर्चना होगी. माना जाता है कि नवरात्रि में मां दुर्गा के सातवें रूप कालरात्रि की पूजा करने से राक्षस, भूत, प्रेत, पिसाच और नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश होता है और शांति और सुख की प्राप्ति होती है. मां कालरात्रि की पूजा-अर्चना करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और दुश्मनों का नाश होता है, तेज बढ़ता है. आइए जानते हैं कि नवरात्रि में दुर्गा माता के मां कालरात्रि रूप की पूजा कैसे और किस मुहूर्त में करें. साथ ही जानेंगे कि मां कालरात्रि को कैसे भोग लगाएं और किन मंत्रोच्चारण का स्मरण करें.

माना जाता है कि जो लोग ग्रह दोष या भूत-पिचाश की समस्या से ग्रसित हैं, वे नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की उपासना जरूर करें, इससे उनके ग्रह दोष दूर होंगे. मां कालरात्रि को प्रशन्न करने के लिए इस मंत्र का उच्चारण जरूर करें- या देवी सर्वभू‍तेषु मां कालरात्रि रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

नवरात्रि में सप्तमी के दिन मां कालरात्रि की पूजा में गुड़ का नैवेद्य जरूर चढ़ाएं और उसे ब्राह्मणों को दें. ऐसा करने से भक्तजनों के सारे दुख दूर हो जाते हैं.

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