Navratri 2019 Bhog: मां दुर्गा को पसंद है ये 9 भोग, जानें इस नवरात्रि किस दिन कौन सा प्रसाद चढ़ाएं

Navratri 2019 Bhog, Navratri 2019 Prasad, durga puja 9 din bhog: 29 सितंबर से शरदीय नवरात्रि शुरू हो रहे हैं. नवरात्रि के दौरान जिस तरह मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है, उसी तरह नवरात्रि के प्रत्येक दिन के अनुसार मां दुर्गा को भोग या प्रसाद अर्पित किया जाता है. आइए जानते हैं किस दिन कौन सा प्रसाद चढ़ाकर देवी मां को प्रसन्न किया जाए.

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Navratri 2019 Bhog: मां दुर्गा को पसंद है ये 9 भोग, जानें इस नवरात्रि किस दिन कौन सा प्रसाद चढ़ाएं

Aanchal Pandey

  • September 20, 2019 12:26 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

नई दिल्ली. 29 सितंबर से शारदीय नवरात्रि शुरू हो रहे हैं. नवरात्रि बंहाल में बड़ी ही धूम धाम के साथ मनाई जाती है. हालांकि इस अब बाकी शहरों में ही मनाया जाता है. इस दौरान जगह-जगह पंडाल सजते हैं. 29 सितंबर से शुरू हो रहे नवरात्रि 7 अक्टूबर को खत्म होगी. 6 अक्टूबर को महाअष्टमी मनाई जाएगी. 7 अक्टूबर को महानवमी पूजन के बाद 8 अक्टूबर को विजयादशमी का त्योहार मनाया जाएगा. नवरात्रि पर माता की अराधना के साथ ही व्रत-उपवास और पूजन का विशेष महत्व है.

जिस तरह से नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है, उसी तरह इन नौ दिनों मां दुर्गा को प्रत्येक दिन के अनुसार भोग लगाया जाता है. वैसे तो मां दुर्गा को सच्चे मन से जो भी भोग लागाओ वह ग्रहण कर लेती है लेकिन माता रानी को नवरात्र के ये 9 भोग पसंद है. मान्यता है कि उन्हें इनका भोग लगाने से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. परिवार में खुशियां आती हैं और धन लाभ होता है. आइए जानते हैं किस दिन कौन सा प्रसाद चढ़ाकर देवी मां को प्रसन्न किया जाए.

पहला दिन (शैलपुत्री)- नवरात्रि के पहले दिन माता शैलपुत्री का पूजन किया जाता है. पर्वतराज हिमालय के यहां पुत्री के रूप में जन्म लेने के कारण इनका नाम शैलपुत्री पड़ा. मां शैलपुत्री को सफेद रंह बेहद पसंद है, इसलिए इस दिन गाय का घी, सफेद मिठाई या शैल अन्न का भोग लगाया जाता है.

दूसरा दिन (ब्रह्मचारिणी)- मां दुर्गा का दूसरा स्वरूप ब्रह्मचारिणी का है. मां ब्रह्मचारिणी की मिश्री, चीनी और पंचामृत का भोह लगाया जाता है. इस दिन इन्हीं चीजों को दान करने का भी विधान है.

तीसरा दिन (चंद्रघंटा)- मां दुर्गा का तीसरा स्वरूप चंद्रघंटा है. नवरात्रि उपासना में तीसरे दिन पूजन का अधिक महत्व है. मां चंद्रघंटा को दूध और उससे बनी चीजों का भोग लगाएं और जरूरतमंद को दान करें.

चौथा दिन (कुष्मांडा)- नवरात्र के चौथे दिन मां के चौथे स्वरूप कुष्मांडा की पूजा की जाती है. इस दिन माता को मालपुआ को नैवेद्य अर्पण करना चाहिए और जरूरतमंद को दान करना चाहिए.

पांचवा दिन (स्कन्दमाता)- नवरात्र के पांचवें दिन मां दुर्गा के पांचवे स्वरूप स्कन्दमात को केले कका नैवेद्य अर्पित करना चाहिए. हिंदू शास्त्रों में मान्यता है कि इस दिन केला अर्पित करने से शरीर स्वस्थ रहता है.

छठवां दिन (कात्यायनी)- मां दुर्गा का छठवां रूप कात्यायनी का है. नवरात्र के छठे दिन मां कात्यायनी के उपासना से आकर्षण शक्ति बढ़ती है. इस दिन मां को कात्यायनी को शहद और लौकी का भोग लगाना चाहिए

सातवां दिन (कालरात्रि)- मां दुर्गा का सातवां स्वरूप कालरात्रि है. मां दुर्गा का यह स्वरूप काफी भयानक है. कालरात्रि मां के पूजन से दुष्टों का विनाश और ग्रह बाधाओं से मुक्ति मिलती है. मां कालरात्रि को गुड़ से बने नैवेद्य का भोग लगाना चाहिए.

आठवां दिन (महागौरी)- मां दुर्गा का आठवां स्वरूप महागौरी का है. महागौरी का नारियल का भोग लगाया जाता है. मान्यता है कि महागौरी का पूजन करने से मनुष्य के सभी पाप धुल जाते हैं.

नौवां दिन (सिद्धिदात्री)- नवरात्रि के नौवें दिन सिद्धिदात्री का पूजन किया जाता है. इस दिन मां को तिल अर्पित करने से विशेष फल मिलता है. सिद्धिदात्री को घर में बने हुए खीर हलवा पूड़ी का भोग लगाना चाहिए. सिद्धिदात्री की पूजन करने से मनुष्य के जीवन में सुख-शांति आती है.

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