Navratri 2018: हिंदुओं का पावन पर्व नवरात्रि शुरू हो चुका है. ऐसे में नवरात्रि को देश के सभी हिस्सों में खुशियों के साथ अलग-अलग अंदाज में मनाया जाता है. नवरात्रि के नौ दिन चलने वाले त्योहार में गरबा, कंचके और डांडिया का विशेष महत्व बताया जाता है.
नई दिल्ली: हिंदुओं का पावन पर्व नवरात्रि शुरू हो चुका है. ऐसे में नवरात्रि को देश के सभी हिस्सों में खुशियों के साथ अलग-अलग अंदाज में मनाया जाता है. नवरात्रि के नौ दिन चलने वाले त्योहार में गरबा, कंचके और डांडिया का विशेष महत्व बताया जाता है. दरअसल गरबा एक ऐसा नृत्य है जिसे लोग इश्वर की भक्ति में पूरी तरह लीन होकर करते हैं. जिस तरह पंजाब में लोग अपनी भावनाएं प्रकट करने के लिए लोग माता का जगराता करते हैं ऐसे ही गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान में डांडिया और गरबे को इस त्योहार पर विशेष रूप से किया जाता है.
गौरतलब है कि नवरात्रों के दौरान बच्चों से लेकर महिलाएं और बूढ़े लोग भी इस पारंपरिक नृत्य को करते हैं. दरअसल गरबा और डांडिया को सिर्फ नवरात्रि में करने के भी एक खास वजह बताई जाती है. इस मामले में ऐसी मान्यता है कि मां भगवती को गरबा नृत्य बहुत पसंद है. माता के भक्त पूरे नौ दिन गरबा और डांडिया का आयोजन करते हैं. ये पारंपरिक नृत्य केवल राजस्थान और गुजरात में ही लोकप्रिय नहीं है बल्कि दिल्ली जैसे बड़े शहरों में नौ दिन तक डांडिया का आयोजिन किया जाता है.
वहीं शारदीय नवरात्रि में डांडिया और गरबा का आयोजन कर सुहागिन महिलाएं अन्य सुहागिन महिलाओं का की चीजें उपहार में देती हैं. उन उपहारों में सिंदूर, लाल चूड़ी से लेकर बिंदी तक भेंट स्वरूप दिए जाते हैं. इस दौरान रातभर चलने वाले उत्सव में सांस्कृतिक गीत भी गाए जाते हैं.
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