Navratri 2018: नवरात्रि के नौ दिनों मां दुर्गा के नौ रूपों को पूजा जाता है. वहीं नवरात्र के समापन पर कन्या का पूजन का विशेष महत्व होता है. जिसे आम भाषा में कंजक जिमना कहते हैं. अष्टमी और नवमी के दिन कंजक पूजन किया जाता है. हिंदू शास्त्र के मुताबिक, बिना कन्या पूजन के नवरात्रि के व्रत का फल नहीं मिलता है. नवरात्रि के समापन में कंजक में 9 कन्याओं का पूजन जरूर करें
नई दिल्ली. नवरात्रि का समापन होने वाला है. इस रविवार नवरात्रि का समापन हो जाएगा. नवरात्रि के नौ दिनों जहां मां दुर्गा के नौ रूपों को पूजा जाता है. वहीं नवरात्र के समापन पर कन्या का पूजन किया जाता है. जिसे आम भाषा में कंजक जिमना कहते हैं. अष्टमी और नवमी के दिन कंजक पूजन किया जाता है. शास्त्रों के अनुसार छोटी कन्याएं माता का रूप होती है. इसलिए समापन के दिन छोटी बच्चियों को देवी का रूप मानकर पूजा जाता है. साथ ही छोटी कन्याओं से आशीर्वाद मांगा जाता है. जो लोग नवरात्र का व्रत भी नहीं रखते वह भी कन्या पूजन जरूर करते हैं.
कन्या पूजन पूरे विधि विधान के साथ करना चाहिए. कन्या पूजन पर बनाए गए नियम के अनुसार ही पूजा की जानी चाहिए. नही तो मां नाराज हो सकती हैं. कन्या पूजन की शुरूआत कन्याओं के चरण धोने से होती है. इसके बाद उनको भोजन पूरी श्रद्धा कराना चाहिए. उनको माता का रूप मानकर सत्य और समर्पण भाव से पूजन करना चाहिए. हिंदू शास्त्र के मुताबिक, बिना कन्या पूजन के नवरात्रि के व्रत का फल नहीं मिलता है. नवरात्रि उपासना और भक्ति का त्योहार हैं. नवरात्रि के समापन में कंजक में 9 कन्याओं का पूजन जरूर करें
कन्या पूजन के लिए सबसे पहले सभी कन्याओं के चरण को फूल की थाली पर रखकर धोएं. ऐसा करने से सभी पापों का नाश होता है. उसके बाद कन्याओं आसन पर बैठाकर तिलक लगाए और हाथ में रक्षासूत्र बांधे. इसके बाद कन्याओं को श्रद्धा के साथ भोजन कराएं. फिर मिठा और प्रसाद देकर कुछ द्रव्य और वस्त्र का दान करें. कन्यओं के भोजन के बाद उनके चरण सपर्श कर आशीर्वाद लें.
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