Navratri 2018: नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की इस मंत्र के साथ करें आराधना, पूरी होगी सारी मनोकामनाएं

नवरात्रि 2018: नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा करने से बाकी दिनों की अपेक्षा दोगुना फल मिलता है. मां चंद्रघंटा के मस्तक पर घंटे के आकार का एक अर्धचंद्र है, इसी कारण इन्हें चंद्रघंटा देवी कहा जाता है. मां चंद्रघंटा की पूरा करते समय इन मंत्रों का जाप करें, इनसे माता खुश होंगी और सारी मनोकामनाएं पूरी होंगी.

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Navratri 2018: नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की इस मंत्र के साथ करें आराधना, पूरी होगी सारी मनोकामनाएं

Aanchal Pandey

  • March 20, 2018 4:31 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्ली: नवरात्रि 2018 के तीसरे दिन माता चंद्रघंटा की पूजा की जाती है. मां चंद्रघंटा को दुर्गा को तीसरा रूप माना जाता है. मां चंद्रघंटा के मस्तक पर घंटे के आकार का एक अर्धचंद्र है, इसी कारण इन्हें चंद्रघंटा देवी कहा जाता है. ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि 2018 के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा करने से बाकी दिनों की अपेक्षा दोगुना फल मिलता है. सिंह पर सवार दुष्टों के संहार के लिए हमेशा तैयार रहती हैं.

मां चंद्रघंटा के माथे पर घंटे के आकार का एक चंद्र सुशोभित होता है. मां के इस स्वरूप की पूजा करने से घर और मन में शांति आती है. साथ ही परिवार का कल्याण होता है. माता चंद्रघंटा को सफेद फूल बेहद पसंद हैं. देवी के परिवार के देवताओं की पूजा भी करें. नवरात्र में दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाता है. माता चंद्रघंटा के दसों हाथों में अस्त्र-शस्त्र हैं और इनकी मुद्रा युद्ध की मुद्रा है. मां चंद्रघंटा तंभ साधना में मणिपुर चक्र को नियंत्रित करती है और ज्योतिष में इनका संबंध मंगल ग्रह से होता है.

कब करें पूजा
मां चंद्रघंटा की पूजा सुबह किसी भी वक्त की जा सकती है. मां चंद्रघंटा की पूजा के दौरान लाल या पीला वस्त्र पहने तो ज्यादा अच्छा है. पूजा में साबुत लोंग का जोड़ा, सुपारी, पान, दूध, दही से बनी कोई चीज जो घर में बनाई गई हो उसका सेवन मां को कराएं और स्वयं भी करें. पूजा करते समय सबसे पहले शुद्ध रोली और कुमकुम का टीका माता को लगाए. उसके बाद अक्षत, पंच मेवा और अखंड ज्योति जलाए. इतना ध्यान रखें कि जब भी दीपक जलाए तो उस प्रतिमा के बाईं ओर ही रखें.

अक्षत करें दान-
नवरात्र के तीसरे दिन अक्षत का खासतौर पर दान किया जाता है. यानि 8 साल से छोटी कन्याओं को नवरात्र के तीसरे दिन चावल का दान जरूर करें.

मां चंद्रघंटा की उपासना का मंत्र-
पिण्डजप्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्रकेर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता॥

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