Navratri 2018: नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, अर्चना की जाती है. मां ब्रह्मचारिणी दुर्गा माता की नव शक्तियों का दूसरा स्वरूप है. आज हम आपको मां ब्रह्मचारिणी के स्वरुप के बारे में बात करने के साथ-सात मां ब्रह्मचारिणी पूजा विधि और मंत्र बताने जा रहे हैं, जिससे माता प्रसन्न होती है.
नई दिल्ली. शारदीय नवरात्रि 2018 (Shardiya Navratri) महापर्व 10 अक्टूबर से शुरू हो चुका है. आज नवरात्रि का दूसरा दिन है. नवरात्रि के दूसरे दिन माता दुर्गा के दूसरे स्वरुप मां ब्रह्मचारिणी की आराधना की जाती है. मां ब्रह्मचारिणी को तप और विद्या की देवी माना जाता है, इसलिए नवरात्रि का दूसरा दिन छात्रों के लिए बेहद खास है. नवरात्रि में नौ दिनों तक मां दुर्गा के 9 स्वरुप की पूजा की जाती है. मां ब्रह्मचारिणी की सही तरीके से पूजा-पाठ करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
माता ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि-विधान के साथ करने से मां के निर्मल स्वरूप के दर्शन होते हैं. प्रेम युक्त की गई भक्ति से साधक का सर्व प्रकार से दु:ख-दारिद्र का विनाश एवं सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है. इस दिन साधक का मन स्वाधिष्ठान चक्र में स्थित होता है. इस चक्र में अवस्थित मन वाला योगी उनकी कृपा और भक्ति प्राप्त करता है. ब्रह्मचारिणी तप की देवी भी कहा जाता है. इसलिए छात्रों को मां ब्रह्मचारिणी की जरूर पूजा करनी चाहिए.
मांब्रह्मचारिणी पूजा विधि
नवरात्रि के दूसरे दिन सुबह उठकर सबसे पहले स्नान करना चाहिए. स्नान के बाद मां ब्रह्मचारिणी की उपासना के समय पीले या सफेद रंग के कपड़े जरूर धारण करें, क्योंकि ये रंग माता के प्रिय हैं. इतना ही नहीं नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करते समय सफेद वस्तुएं जरुर अर्पित करें, जैसे- मिश्री, शक्कर या पंचामृत. इसके बाद पूरी श्रद्धा के साथ माता के सामने दीपक जलाकर आरती पढ़ें. माता की आरती के बाद मां ब्रह्मचारिणी को खुश करने के लिए ‘‘ऊँ ऐं नम:’’ का जप करें.