Navratri 2018: जानिए क्यों कन्या पूजन के समय एक बालक को भोजन कराना है जरूरी

नवरात्र के नौंवे दिन कन्या पूजन किया जाता है. ऐसे में ज्योतिषों का मानना है कि नवरात्रि पर 9 से अधिक कन्याओं का पूजन किया जाता है. यह इसलिए किया जाता है क्योंकि 9 कन्याओं को 9 देवियों का रूप कहा जाता है. वहीं कन्या समेत एक बालक की भी पूजा होती है जिसे लंगूर कहते हैं.

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Navratri 2018: जानिए क्यों कन्या पूजन के समय एक बालक को भोजन कराना है जरूरी

Aanchal Pandey

  • March 25, 2018 6:13 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्ली: नवरात्र के नौ दिनों पूजा-अर्चना में लगे रहने के बादवजूद नौंवे दिन कन्या पूजन किया जाता है. कन्या पूजन के समय भोजन करवाया जाता है और उपहार बांटे जाते हैं. ऐसे में ज्योतिषों का कहना है कि नवरात्रि पर 9 से अधिक कन्याओं का पूजन किया जाता है. ऐसा इसीलिए किया जाता है क्योंकि 9 कन्याओं को 9 देवियों का रूप माना जाता है. इसके साथ ही इस दिन एक बालक को भी पूजा जाता है जिसे लंगूर कह कर पुकारा जाता है.

नवरात्र के नौवें दिन 9 कन्याओं और 1 बालक का पूजन किया जाता है. माना जाता है कि उस बालक को हनुमान जी का रूप माना जाता है. जैसे आपने ये तो सुना होगा कि मां दुर्गा की पूजा भैरव के दर्शन के बिना पूरी नहीं होती. ठीक उसी प्रकार उसी तरह कन्या-पूजन के समय एक बालक को भी भोजन कराना बहुत जरूरी होता है. शास्त्रों के मुताबिक, कन्या पूजन की विधि के लिए कन्याओं को एक दिन पूर्व उनके घर जाकर निमंत्रण दें.

वहीं, घर में कन्याओं के प्रवेश के समय उनपर फूलों डालकर उनका स्वागत करे. इसके साथ ही मां दुर्गा के नौ नामों का जयकारा लगाएं. कन्याओं को प्रवेश के बाद स्वच्छ जगह पर बिठाएं. कन्याओं के पैरों को दूध से भरे थाल या स्वच्छ पानी से धोएं. इसके बाद उनके माथे पर कुंकुम लगाकर मां भगवती का ध्यान कर सभी कन्याओं को भोजन करवाएं. भोजन के बाद उपहार या दक्षिणा दें और फिर उनके पैरों को स्पर्श कर उनसे आशीष लें.

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