Navratri Bhog 2018: जानिए किस दिन मां दुर्गा के नौ स्वरुपों को लगाए कौन सा भोग

Navratri Bhog 2018: नवरात्रि के नौं दिनों तक मां दुर्गा के नौं रुपों की आराधना करने का समय आ गया है. 10 अक्टूबर से शुरु हो रही शारदीय नवरात्रि पर मां दुर्गा के नौ रुपों को अलग अलग भोग लगाने से भक्तों की सारी चिंताओं को मां दुर्गा हर लेती है. गुड़, चीनी, नारियल, केले, मालपुआ, शहद, देसी घी, दूध और छोले हलवा का भोग लगाने से मां दुर्गा के सभी स्वरुप प्रसन्न हो जाएंगी.

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Navratri Bhog 2018: जानिए किस दिन मां दुर्गा के नौ स्वरुपों को लगाए कौन सा भोग

Aanchal Pandey

  • October 8, 2018 2:52 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. Navratri Bhog 2018 नवरात्रों के नौ दिनों पर मां दुर्गा के अलग अलग स्वरुपों को पूजने का खासा महत्तव है. 10 अक्टूबर से शुरु हो रही शारदीय नवरात्र में भक्त नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौं रुपों की पूजा अर्चना करते है. देवी दुर्गा के नौं रुप मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा,कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी पूजा, कालरात्रि, महागौरी और 9वें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना कर उन्हें अलग अलग व्यंजनों का भोग लगाया जाता है. नवरात्रि के सभी दिन अलग अलग महत्तव रखते है और इन नौं दिन मां दुर्गा के नौं स्वरुपों को खुश करने के लिए उन्हें अलग भोग चढ़ाए जाते है जिससे भक्तों के सार कष्टों को मां दुर्गा दूर कर लें.

प्रतिपदा तिथि- नवरात्र का पहला दिन प्रतिपदा तिथि से शुरु होता है. इस दिन मां दुर्गा के पहले रुप मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना कर उन्हें शुद्ध देसी घी का भोग लगाते हैं, इससे भक्तों को अपने रोगों से दूर हो सकते है.

द्वितीय तिथि- इस दिन मां ब्रह्राचारिणी रूप की अराधना की जाती है. इस दिन देवी ब्रह्राचारिणी को चीनी और फलों का भोग लगाए. ऐसा करने से भक्तों को लंबी आयु का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

तीसरा दिन- तृतीया तिथि पर मां दुर्गा के तीसरे स्वरुप मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है. मां चंद्रघंटा को दूध से बनीं चीजों का भोग लगाए और इन चीजों को दान अवश्य करें. इससे मां चंद्रघंटा खुश होकर आपके सभी दुखों को हर लेंगी.

चतुर्थी तिथि- नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा होती है. देवी कुष्मांडा को मीठे मालपुआ का भोग लगाए. भोग के बाद इस प्रसाद को ब्राह्राणों को दान कर दें. इससे आपकी बुद्धि में विकास होगा है और फैसलें लेने की ताकत बढ़ेगी.

पांचवा दिन- इस दिन मां स्कंदमाता को कच्चे और पके केलों का भोग लगाए. इनका भोग लगाने से आपकी बुद्धि में बढ़ेगी.

छठा दिन- नवरात्रि के छठे दिन मां दुर्गा के रुप कात्यायनी की पूजा अर्चना करे. इस तिथि पर मां कात्यायनी को शहद का भोग लगाए. इस दिन शहद का भोग लगाना काफी अहम माना जाता है.

सप्तमी/सातवां दिन- नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा कर और उन्हें गुड़ का भोग चढ़ाए. गुड़ का भोग चढ़ाने के बाद उसे ब्राह्मणों को दान कर दें.

अष्टमी- नवरात्रि के आठवें दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरुप महागौरी का पूजन किया जाता है. इस दिन महागौरी को नारियल का भोग चढ़ाए. इस दिन नौ कन्याओं की घर पर पूजा की जाती है जिसके बाद उन्हें भोग लगाया जाता है और उनके आर्शीवाद से आपकी मनोकामना भी पूरी होगी.

नवमी- नवरात्रि के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री का पूजन किया जाता है. इस भोग में मां सिद्धिदात्री को छोले, हलवा और पूरी का भोग लगाया जाता है. इस दिन भक्त अपने घर कंजके बिठाती है और उनकी पूजा कर उन्हें भोग लगाती हैं. कन्याओं के आर्शीवाद से उनके जीवन में सुख और शांती आती है.

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