नई दिल्लीः नारद जयंती हर साल ज्येष्ठ माह की कृष्ण पक्ष प्रतिपदा के दिन मनाई जाती है। धार्मिक मान्यता है कि इसी दिन नारद जी का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन को नारद जयंती के रूप में मनाया जाता है। नारद जयंती 24 मई 2024 को है। इस शुभ अवसर पर भगवान नारद जी […]
नई दिल्लीः नारद जयंती हर साल ज्येष्ठ माह की कृष्ण पक्ष प्रतिपदा के दिन मनाई जाती है। धार्मिक मान्यता है कि इसी दिन नारद जी का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन को नारद जयंती के रूप में मनाया जाता है। नारद जयंती 24 मई 2024 को है। इस शुभ अवसर पर भगवान नारद जी की पूजा की जाती है। भगवान नारद जी को प्रथम पत्रकार भी कहा जाता है क्योंकि उन्होंने ही तीनों लोकों में सूचना फैलानी शुरू की थी। आइए जानें नारद जयंती का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व के बारे में।
ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 23 मई को शाम 07 बजकर 22 मिनट से होगी और इसका समापन 24 मई को शाम 07 बजकर 24 मिनट पर होगा। ऐसे में नारद जयंती 24 मई को मनाई जाएगी।
नारद जयंती के दिन सुबह उठकर देवी-देवताओं का ध्यान करके दिन की शुरुआत करें। स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनें और मंदिर की साफ-सफाई करें। चौकी पर कपड़ा बिछाकर नारद जी की मूर्ति रखें। इसके बाद दीपक जलाएं, आरती करें और भगवान से जीवन में सुख-शांति की प्रार्थना करें। उन्हें फल और मिठाइयां अर्पित करें। इस दिन विशेष चीजें देनी चाहिए। भगवद गीता में, भगवान कृष्ण अर्जुन से कहते हैं, “मैं ऋषियों में देवर्षि नारद हूं।” इसलिए नारद जी को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है।
धार्मिक मान्यता है कि नारद जयंती के दिन भगवान नारद जी की पूजा करने से बल, बुद्धि और पवित्रता की प्राप्ति होती है। इस शुभ अवसर पर भगवान कृष्ण के मंदिर में जाकर उन्हें बांसुरी अर्पित करनी चाहिए। इसका मतलब यह है कि साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।