नई दिल्ली, भगवान शिवजी का सबसे प्रिय माह सावन चल रहा है, यह महीना भगवान शिव को बहुत प्रिय है. इस महीने कई पर्व आते हैं, सावन की शिवरात्रि, हरियाली तीज आदि इसी महीने में मनाई जाती है. वहीं, इन पर्वों पर शिव परिवार के साथ नाग देवता की पूजा की जाती है. ज्योतिष शास्त्र […]
नई दिल्ली, भगवान शिवजी का सबसे प्रिय माह सावन चल रहा है, यह महीना भगवान शिव को बहुत प्रिय है. इस महीने कई पर्व आते हैं, सावन की शिवरात्रि, हरियाली तीज आदि इसी महीने में मनाई जाती है. वहीं, इन पर्वों पर शिव परिवार के साथ नाग देवता की पूजा की जाती है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिन जातकों के कुंडली में कालसर्प दोष है, यदि वे शुक्ल पक्ष के पंचमी के दिन नाग देवता की विधि विधान से पूजा करते हैं, तो उनके जन्म कुंडली से काल सर्प दोष दूर हो जाता है. आपको बता दें इस साल 2 अगस्त को नागपंचमी का पर्व मनाया जाएगा.
नाग पंचमी के दिन व्रत रखा जाता है और भगवान शिव के साथ-साथ नाग देवता की भी पूजा करने की मान्यता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, नाग पंचमी के दिन व्रत रखने से सांपों का डर समाप्त होता है. इस दिन नाग देवता की पूजा में फल, फूल, मिठाई और दूध अर्पित करना चाहिए. इसके अलावा जिन जातकों की कुंडली में कालसर्प दोष या राहु-केतु से संबंधित कोई दोष होता है उन्हें जरूर नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करनी चाहिए।
नाग पंचमी के दिन आपको तांबे के लोटे से नाग देवता की मूर्ति पर दूध तथा जल अर्पित करना चाहिए. संभव है तो मंदिर में चांदी का नाग-नागिन जोड़ा रखकर उसकी पूजा-अभिषेक करें। ऐसा करने से नागदेवता और शिव जी दोनों प्रसन्न होंगे.
इस साल नाग पंचमी का शुभ महूर्त 02 अगस्त को सुबह 05 बजकर 24 मिनट से सुबह 08 बजकर 24 मिनट तक रहेगा.
अगर आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है तो नागपंचमी के दिन सर्प देवता की पूजा करने से आपके सभी कष्ट दूर हो जाएंगे. वहीं, ज्योतिषाचार्य के अनुसार इस दिन सर्प सुक्त का 108 बार पाठ किया जाएं तो कालसर्प दोष का अशुभ प्रभाव धीरे-धीरे कम होने लगता है. यदि रोज़ सुबह इसका एक पाठ किया जाएं तो जीवन में चल रही परेशानियां कम होने लगती है.
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