Masik Durgashtami 2018: इस पूजा विधि से करें मां दुर्गा की पूजा, बनेंगे सभी बिगड़े काम

masik durgashtami 2018: हिंदू धर्म में मासिक दुर्गाष्टमी व्रत का खास महत्व होता है. इस वर्ष मासिक दुर्गाष्टमी 23 फरवरी को पड़ रही है. इस दिन पूरे विधि-विधान पूर्वक पूजा की जाती है. जिससे देवी खुश होकर अपने भक्तों के समस्त दुख दूर करती हैं. हर महीने की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को देवी के महात्यम को समर्पित किया जाता है एवं दुर्गाष्टमी के रूप में मनाया जाता है.

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Masik Durgashtami 2018: इस पूजा विधि से करें मां दुर्गा की पूजा, बनेंगे सभी बिगड़े काम

Aanchal Pandey

  • February 20, 2018 12:12 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्ली: हर मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को देवी के महात्यम को समर्पित किया जाता है एवं दुर्गाष्टमी के रूप में मनाया जाता है. हालांकि इसमें भी सबसे महत्वपूर्ण शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि को माना जाता है इस माह दुर्गाष्टमी शुक्रवार यानी की देवी मां के दिन ही पड़ रही है और इस वजह से इसका महत्व और भी बढ़ जाता है. देवी मां पूरे संसार की शक्ति हैं एवं उन्ही की ऊर्जा से समस्त ब्रह्मांड कायम है. आप की किसी भी प्रकार की समस्या हो, देवी मां के प्रसन्न हो जाने से समस्त समस्याओं से मुक्ति मिलती है एवं साधक अंत में मोक्ष को प्राप्त होता है.

व्रत की विधि :
प्रातः काल उठ कर स्नान आदि कर स्वच्छ हो जाएं. तद्पश्चात, देवी दुर्गा की मूर्ति को स्थापित करें. उन्हें पंचामृत से स्नान कराएं, कच्चे दूध से और फिर गंगाजल से स्नान कराएं सुहाग का समान, सिंदूर, चूड़ी, वस्त्र आदि देवी को भेंट करें. फल, फूल, नैवदय, धूप, दीप से देवी का आवहन करें. दुर्गा सप्तशती में कवच, कील, अरगला स्त्रोत का पाठ करें.

दिन भर फलाहार कर, संध्या के पश्चात देवी उपासना एवं आरती कर, क्षमा याचना आदि प्रार्थना करें. संध्या के वक्त, घी का दिया जालाएं एवं देवी के बत्तीस नामवाली का पाठ करें. उसके बाद आरती कर, क्षमा याचना करें. फिर सात्विक भोजन से व्रत को तोड़ें. संध्या के पश्चात का पूजन देवी के पूजन के लिए विशेषकर माना गया है. आप देवी का हवन भी कर सकते हैं. गोबर के बने उपलों में शहद, सफेद तिल के मिश्रण की आहुति से हवन करना बहुत ही शुभ होता है.

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