Margashirsha Purnima 2019 Date Calendar: जानें कब हैं मार्गशीर्ष एकादशी, व्रत पूजा विधि, समय तारीख और महत्व

Margashirsha Purnima 2019 Date Calendar: इस साल मार्गशीर्ष पूर्णिमा 12 दिसंबर 2019 को मनाई जाएगी. हिंदू धर्म में मार्गशीर्ष के महीने को दान-धर्म और भक्ति का महीना माना जाता है. भगवान श्री कृष्ण के अनुसार माह रोज स्नान-दान करने से भक्तों को पापों से मुक्ति मिल जाती है और उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. इस दिन भगवान नारायण की पूजा करने और कथा करने का विशेष महत्व माना जाता है.

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Margashirsha Purnima 2019 Date Calendar: जानें कब हैं मार्गशीर्ष एकादशी, व्रत पूजा विधि, समय तारीख और महत्व

Aanchal Pandey

  • July 26, 2019 9:09 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

नई दिल्ली. हिंदू धर्म में मार्गशीर्ष के महीने को दान-धर्म और भक्ति का महीना माना जाता है. इस माह में आने वाली पूर्णिमा को मार्गशीर्ष पूर्णिमा कहते हैं. इस साल मार्गशीर्ष पूर्णिमा 12 दिसंबर 2019 को मनाई जाएगी. मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन हरिद्वार, बनारस, मथुरा जैसे अनेक पवित्र स्थानों पर लोग आस्था की डुबकी लगाने जाते हैं. मान्यता है कि इस दिन स्नान-दान करने से व्यक्ति को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. भगवान श्री कृष्ण के अनुसार माह रोज स्नान-दान करने से भक्तों को पापों से मुक्ति मिल जाती है और उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.

मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2019 व्रत पूजा विधि: Margashirsha Purnima 2019 Puja Vidhi

इस दिन भगवान नारायण की पूजा का विधान है. भक्त सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करके भगवान का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें. स्नान के बाद सफेद कपड़े पहनें और आचमन करें. पूरे विधि विधान से भगवान नारायण की पूजा करें और ऊँ नमोः नारायण का उच्चारण करें. पूजा स्थल पर वेदी बनाएं और हवन के लिए उसमे अग्रि जलाएं और हवन में तेल, घी और बूरा आदि की आहुति दें. हवन की समाप्ति के बाद भगवान का ध्यान करते हुए श्रध्दापूर्वक व्रत का अर्पण करें. रात को भगवान नारायण की मूर्ति के पास ही सोयें. व्रत के दूसरे दिन जरूरतमेंद व्यक्ति को भोजन कराएं और दान-दक्षिणा दें.

मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2019 व्रत महत्व: Margashirsha Purnima 2019 Significance

मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2019 व्रत महत्व: Margashirsha Purnima 2019 Significanceपौराणिक मान्यता के अनुसार मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर तुलसी की जड की मिट्टी से पवित्र नदी, सरोवर या कुंड में स्नान करने से भक्त को भगवान विष्णु की विशेष कृपा मिलती है. इस दिन दान-पुण्य का फल अन्य पूर्णिमा की तुलना में 32 गुना अधिक मिलता है. इसी वजह से इसे बत्तीसी पूर्णिमा भी कहा जाता है. मार्गशीर्ष पूर्णिमा के मौके पर भगवान सत्यनारायण की पूजा व कथा भी कही जाती है.

https://youtu.be/b3M42z12Tpw

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