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Manners: बच्चों की इन आदतों पर दें विशेष ध्यान, बना देंगी बच्चों की जिंदगी

नई दिल्ली: कहते हैं जिद अगर अच्छी चीजों की हो तो उसे कायम रखनी चाहिए, और अगर आदतें अच्छी हैं तो उन्हें जरूर डालना चाहिए, यदि कोई बच्चा अपने साफ-सफाई पर ध्यान दे और बचपन से ही शाम या रात को हल्का भोजन करने की आदत अपना ले, तो वो लाइफस्टाइल की बीमारियों जैसे शुगर, […]

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Manners
  • April 21, 2024 12:34 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 months ago

नई दिल्ली: कहते हैं जिद अगर अच्छी चीजों की हो तो उसे कायम रखनी चाहिए, और अगर आदतें अच्छी हैं तो उन्हें जरूर डालना चाहिए, यदि कोई बच्चा अपने साफ-सफाई पर ध्यान दे और बचपन से ही शाम या रात को हल्का भोजन करने की आदत अपना ले, तो वो लाइफस्टाइल की बीमारियों जैसे शुगर, ब्लड प्रेशर आदि से दूर रहेगा, और तनाव, आदि इससे पहले कि हम बच्चों को सुधार के लिए प्रोत्साहित करें, ये महत्वपूर्ण है कि हम अपने लिए एक अच्छा उदाहरण स्थापित करें. दरअसल सच तो ये है कि बच्चे कॉपी मशीन हैं.

बच्चे भी वही सीखते हैं जो उनके माता-पिता करते हैं. जब माता-पिता को एक-दूसरे पर चिल्लाने की आदत होती है, तो बच्चे भी एक-दूसरे पर चिल्लाना सीख जाते हैं. इसलिए आप शुरू में खुद को एक रोल मॉडल के रूप में कल्पना कर सकते हैं, इसलिए पहले खुद को पूरा न सही, फिर भी एक हद तक तो उदाहरण के रूप में सामने पेश कर सकते हैं. हालांकि सामान को सही तरीके से रखना, दूसरों से सही तरीके व्यवहार करना आदि, तो आइए जानें बच्चों के इन आदतों के बारें में….

जानें बच्चों के इन आदतों के बारें में….

1. बच्चे को पढ़ने-लिखने के आलावा अन्य स्किल सीखने में नहीं लगेगा मन.

2. बच्चे के अंदर अक्सर असामान्य आदतें और व्यवहार दिखाई देंगी.

3. कम बुद्धि वलए बच्चे अन्य बच्चों की तुलना में धीमे सीखते हैं.

4. ऐसे बच्चों को बात करने में कठिनाई होती है, विचार व्यक्त करने में घबराते हैं.

5. ऐसे बच्चे समस्या को सुलझाने में असमर्थ होते हैं.

6. ऐसे बच्चों के अंदर सोशल इंटिमेसी कम होती है, मित्र बनाने में भी कटते रहते हैं.

7. कम बुद्धि वाले बच्चे किसी काम में सही से ध्यान नहीं केंद्रित कर पाते हैं.

8. इन्हें सवाल पूछने में झिझक होती है, इस वजह से सही से मानसिक विकास नहीं हो पाता.

9. इनके अंदर सोचने की क्षमता कम होती है, अपने बारे में सही से नहीं सोच पाते.

10. अपने फैसलों के लिए दूसरे पर निर्भर रहते हैं, अपने विचार को रखने में हिचकिचाते हैं.

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