Mangalwar Puja Vidhi: सावन के महीने में सोमवार के साथ मंगलवार की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. मान्यता है कि श्रावण मास में मंगलवार की पूजा और व्रत करने से बजरंगबली हनुमान जी और शिव शंकर भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं.
नई दिल्ली. मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा का विधान है. सावन के महीने में सोमवार के साथ मंगलवार का दिन भी काफी खास माना गया है. सावन में मंगल का व्रत करने से बजरंगबली के साथ भोलेनाथ भी प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर अपनी अपार कृपा बरसाते हैं. वहीं इस दिन हनुमान जी भी भक्तों की जरा सी अराधना से प्रसन्न होकर उनके सभी संकट हर लेते हैं. मान्यता है कि मंगलवार के दिन खास विधि से हनुमान जी के पूजन करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है.
पूजा विधि
मंगलवार के दिन सबसे पहले स्नना करने के बाद व्रत का संकल्प लें. शाम के समय चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर बजरंगबली की प्रतिमा स्थापित करें. फिर एक आसन और बिछाकर खुद भी बैठ जाएं. दही में दूध, घी, शक्कर, गंगाजल और पंचमेवा डालकर उसका पंचामृत तैयार करें. प्रतिमा के सामने कलश की स्थापना करें, कलश में पंचपल्लव रखें जिसके ऊपर एक चावल से भरा पात्र जिसमें सुपारी, पान के पत्ते और मौली रख दें.
हाथ में चावल और फूल लेकर हनुमान जी का ध्यान करें. जिसके बाद चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर बजरंगबली को लेप लगाएं. इसके बाद बजरंगबली को लाल रंग की लंगोट धारण कराएं. दूर्वा से इत्र छिड़कर कुमकुम का टीका लगाएं और पुष्पमाला पहना दें. फिर मिठाइयों पर तुलसी रखकर भोग लगाएं और पान- पंचमेवा अर्पित करें. और ”ऊँ अंजनी जाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि तन्नो हनुमान प्रचोदयात्” का जाप करते हुए भगवान से क्षमा प्रार्थना करें. फिर हनुमान जी की आरती कर प्रसाद वितरण कर दें.
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